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अलवर से चार मंत्री फिर भी पड़ोसी जिला भरतपुर है अलवर से काफी आगे, सुविधाएं जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान

locationअलवरPublished: Aug 10, 2018 10:46:23 am

Submitted by:

Prem Pathak

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Bharatpur District Is Far Better Than Alwar District In Facilities

अलवर से चार मंत्री फिर भी पड़ोसी जिला भरतपुर है अलवर से काफी आगे, सुविधाएं जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान

अलवर. 11 विधानसभा क्षेत्र, चार मंत्री और आबादी व टैक्स के लिहाज से प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा अलवर जिला अपने पड़ौसी जिले भरतपुर के आगे अब कहीं नहीं टिक पा रहा है। पिछले कुछ सालों की राजनीति ने अलवर को आगे ले जाने की बजाय पीछे धकेला है। दोनों जिलों के विकास के कार्यों की तुलना में अलवर की नेतागिरी भरतपुर के आगे बेगारी साबित हो रही है।
भरतपुर के नेता साल 2005 में भरतपुर को संभाग का दर्जा दिलाने में सफल हो गए। उसके बाद मेडिकल कॉलेज स्वीकृत कराया जो अब शुरू हो गया है। भरतपुर में चम्बल का पानी भी पहुंच चुका है जबकि अलवर में चम्बल के पानी लाने पर भी बयानबाजी के अलावा कुछ नहीं हो पाया है।
सफाई बेहतर, सीवर पूरी

भरतपुर में सफाई व्यवस्था अलवर से बेहतर है। सीवरेज डल चुकी है। पानी की सप्लाई तो और भी अधिक अच्छी है। सडक़ों की हालात अब पहले से अच्छी हो गई है।
यहां से शिफ्ट हुआ उपश्रम आयुक्त कार्यालय

कुछ साल पहले अलवर में चल रहा संयुक्त श्रम आयुक्त कार्यालय भी भरतपुर चला गया। जबकि अलवर के श्रम मंत्री हैं। सबसे अधिक औद्योगिक इकाइ अलवर में हैं। यही नहीं भरतपुर का रेलवे जंक्शन व बस स्टैण्ड भी अलवर से करीब दो गुने बड़े हैं जबकि वहां से केवल 7 विधायक विधानसभा पहुंचते हैं और अलवर से ग्यारह। फिर भी अलवर की राजनीति विधानसभा में फुस साबित हुई है।
अलवर में चार मंत्री

इसी सरकार को लें तो अलवर जिले से चार मंत्री हैं। बहरोड़ के विधायक डॉ जसवंत सिंह यादव श्रम मंत्री और थानागाजी के विधायक हेम सिंह भड़ाना सामान्य प्रशासन मंत्री हैं। दो केबिनेट मंत्री, डॉ. रोहिताश्व शर्मा को केबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है। संदीप यादव उप मंत्री हैं। सबसे अधिक औद्योगिक इकाइ अलवर में हैं। यही नहीं भरतपुर का रेलवे जंक्शन व बस स्टैण्ड भी अलवर से करीब दो गुने बड़े हैं जबकि वहां से केवल 7 विधायक विधानसभा पहुंचते हैं और अलवर से ग्यारह। फिर भी अलवर की राजनीति विधानसभा में फुस साबित हुई है।
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