वह घर से बाहर आता है रो देता है। उसकी खामोशी परिजनों की चिंता तो बढ़ा रही है। लेकिन वह डर रहा है कि अगर बुढ़ापे में मां-बाप को इस शहादत का पता चला तो उनको कुछ न हो जाए। विक्रम ने बताया कि 12 फरवरी को एक महीने की छुट्टी बिताने के बाद ही भाई वापस गया था। जाने से पहले दोस्त अजय गुर्जर, वीरप्रताप से मिलने उनके घर गया था। जहां उसने कहा था कि दोस्त होली पर आने का मन है। ईश्वर ने चाहा तो फिर मिलेंगे। अब वो दोनों दोस्त भी रात से ही मेरा दर्द बांट रहे हैं। हमने सोचा भी न था कि इस बार की होली भाई के बगैर बैरंग हो जाएगी। भाई की शादी चार साल पहले लोहरवाड़ा (उत्तर प्रदेश) की रहने वाली सुंदरी के साथ हुई थी। भाभी ने रात को भी पूछा कि कैसे सुस्त हो। मैंने इतना तो बता दिया कि भाई लापता है। लेकिन उनको कह दिया कि वैसे सबकुछ ठीक है। भाई का नाम शहीद की सूची में नहीं है। शहीद जीतराम सीआरपीएफ में 2010 में हुई भर्ती में कांस्टेबल जीडी के पद पर तैनात हुआ था।
दो दिसंबर 2018 को फेसबुक अपडेट की थी जीतराम ने दो दिसंबर 2018 को फेसबुक अपडेट कर उस पर अपना एक फोटो अपलोड किया था। जो कि जम्मू का था। साथ ही उससे पहले की छुट्टियों में वह गोवर्धन की परिक्रमा देने गया था। उसका फोटो भी अपलोड किया था।