मंगलवार को रूपबास के मेला स्थल पर नगर परिषद की ओर से साफ सफाई की गई। बिजली निगम की ओर से मेला स्थल पर रोशनी की व्यवस्था की जा रही है। जलदाय विभाग की ओर से मेले में आने वाले लोगों के लिए पानी का इंतजाम किया जा रहा है। जलदाय विभाग के कर्मचारी हरिनारायण सैनी ने बताया कि मेला स्थल पर सोलर ऊर्जा से चलने वाली बोरिंग से पानी की टंकी को भरा गया। ताकि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं व यहां पर दुकान लगाने वाले लोगों को पानी मिल सके।
7 से 12 जुलाई तक सरकारी स्कूल का रहेगा अवकाश रूपबास में मेला स्थल पर ही सरकारी स्कूल बना हुआ है। जिसे मेले के दौरान हर साल बंद कर दिया जाता है। इस बार भी 7 जुलाई से 12 जुलाई तक स्कूल बंद रहेगा और इस दौरान बच्चों की छुटटी रहेगी।
रूपहरि भगवान के नाम पर बसा है रूपबास
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा रूपहरि मंदिर में पहुंचती है। रूपहरि भगवान के नाम पर ही इस जगह का नाम रूपबास रखा गया है। मंदिर के महंत पंडित दिनेश शर्मा ने बताया कि यह मंदिर करीब दौ सौ साल पुराना है। यहां पर भगवान कृष्ण की रूपहरि रूप में प्रतिमा है साथ में राधा जी की प्रतिमा है। यह मंदिर जमीन से कुछ ऊंचाई पर बना हुआ है। मेले के दौरान इसी मंदिर के आगे भगवान जगन्नाथ को विराजमान किया जाता है। यही पर वरमाला महोत्सव होता है। इसके चलते रूपहरि मंदिर में भी बडी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर के महंत ने बताया कि राजकाल में रूपहरि भगवान की प्रतिमा को किसी वाहन में ले जाकर अन्य स्थान पर प्राण प्रतिष्ठा के लिए ले जाया जा रहा था। लेकिन बहुत प्रयास के बाद भी वाहन आगे नहीं बढ़ा। इसके बाद राजा की आज्ञा से इन प्रतिमाओं को यही पर विराजमान कर दिया गया। तब से ही यह मंदिर बना हुआ है। यहां पर भगवान श्रीकृष्ण को प्रिय कदंब के दो वृक्ष् लगे हुए हैं। जहां पर साल भर श्रद्धालु मनोकामना पूरी करने के लिए आते हैं।
मंदिर में हो रहा है हरे रामा हरे कृष्णा का कीर्तन पुराना कटला जगन्नाथ मंदिर में चार जुलाई से अखंड कीर्तन चल रहा है। जिसमें शहर की भजन मंडलियां हरे रामा हरे कृष्णा का गुनगान कर रही है। मेले के दौरान अखंड कीर्तन की परंपरा वर्षो से चली आ रही है। इधर, भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में काम आने वाले रथों को भी सजाया जा रहा है। रथों पर सुंदर व आकर्षक कपड़ों से सजावट की गई है। रथयात्रा के दौरान ये रथ नए रूप रंग में नजर आएंगे।