अलवर जिला राजस्थान का सीमावर्ती जिला है। जिसकी सीमाएं हरियाणा और दिल्ली राज्य से लगती हैं। अंतरराज्यीय सीमाएं लगी होने के कारण अपराधी गंभीर अपराध कारित कर हरियाणा, दिल्ली और सीमावर्ती जिले भरतपुर व दौसा में प्रवेश कर जाते हैं। इसी प्रकार हरियाणा, दिल्ली और उत्तरप्रदेश के बदमाशों की घुसपैठ अलवर में बनी रहती है। अलवर जिला साम्प्रदायिक दृष्टिकोण से अति संवेदनशील जिला है। यहां जनसंख्या का स्वरूप इस प्रकार का है कि असामाजिक तत्व जाति विशेष और धर्म विशेष के आधार संगठित होकर छोटी-छोटी घटनाओं को भी बड़ा रूप देकर कानून व्यवस्था को गंभीर चुनौती देते हैं।
नेशनल हाइवे पर नहीं कोई जिला मुख्यालय दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-8 लगभग 265 किलोमीटर लम्बा है। इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर दिल्ली और जयपुर के मध्य राजस्थान राज्य का एक भी जिला मुख्यालय स्थित नहीं है। इस पूरे राष्ट्रीय राजमार्ग की लम्बाई एवं अन्य महत्वपूर्ण कारण जैसे- औद्योगिक गतिविधियां व अंतरराज्यीय अपराधों आदि को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग का अत्यधिक महत्व है। दिल्ली और जयपुर के बीच भिवाड़ी में जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय खुलने से राजस्थान के प्रवेश द्वार भिवाड़ी से ही अंतरराज्यीय अपराधों पर अंकुश पाया जा सकता है। एनएच-8 पर नीमराणा, बहरोड़, भिवाड़ी, टपूकड़ा आदि क्षेत्रों में बढ़ती औद्योगिक गतिविधियों तथा उनसे उत्पन्न श्रमिक आंदोलनों व आपराधिक गतिविधियों में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए भिवाड़ी में पुलिस अधीक्षक लगाया जाना आवश्यक है।
बड़ा जिला, दो एसपी जरुरी अलवर जिले का क्षेत्र काफी बड़ा है। जिसकी सीमा हरियाणा राज्य से सटी हुई है। जिले के उत्तर में हरियाणा के नूहं मेवात, रेवाड़ी, गुरुग्राम व महेन्द्रगढ़ जिले, दक्षिण में राजस्थान के दौसा, मध्य से दक्षिण पूर्व में भरतपुर तथा पश्चिम में जयपुर की सीमाएं लगती हैं। वर्तमान में जिले में 1 एसपी, 4 एएसपी, 10 डीएसपी, 39 थाने और 48 स्थाई पुलिस चौकियां स्थापित हैं। इस लिहाज से यहां दो एसपी लगाना जरुरी है।
संगीन अपराध है चुनौती भिवाड़ी, टपूकड़ा, तिजारा, किशनगढ़बास, बहरोड़, नीमराणा, शाहजहांपुर और मांढण आदि इलाके में संगीन अपराध नए जिले के एसपी के लिए चुनौती होंगे। यहां कई हजार औद्योगिक इकाइयां हैं। इसके अलावा अवैध खनन, गोतस्करी, नकली सोने से ठगी, ओएलएक्स के माध्यम से ठगी, हत्या, लूट, डकैती, बलात्कार, संगठित अपराध व गैंगवार आदि अपराध ज्यादा हैं। वहीं, इस क्षेत्र में हरियाणा और दिल्ली के अंतरराज्यीय गिरोह का दखल भी पूरा रहता है।
भिवाड़ी एसडीओ कार्यालय तक नहीं
भिवाड़ी में फिलहाल एसडीओ कार्यालय भी नहीं है। जिला बनने के बावजूद भिवाड़ी के लोगों को प्रशासनिक कामकाज के लिए तिजारा जाना पड़ेगा। वहीं, लोगों को पुलिस के काम से जिला मुख्यालय भिवाड़ी और प्रशासनिक कामकाज के लिए नीमराणा, बहरोड़, तिजारा और किशनढ़बास, बानसूर व मुण्डावर एसडीओ कार्यालय में आना पड़ेगा। दूरी भी करेगी परेशान भिवाड़ी जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय क्षेत्र में भिवाड़ी, तिजारा, किशनगढ़बास, नीमराणा और बहरोड़ सर्किल को शामिल किया जाएगा। नए जिले में तिजारा को वृत बनाने का प्रस्ताव भी है। ऐसे में इन क्षेत्रों की भिवाड़ी से अधिक दूरी भी लोगों को परेशानी करेगी।
भिवाड़ी एसडीओ कार्यालय तक नहीं
भिवाड़ी में फिलहाल एसडीओ कार्यालय भी नहीं है। जिला बनने के बावजूद भिवाड़ी के लोगों को प्रशासनिक कामकाज के लिए तिजारा जाना पड़ेगा। वहीं, लोगों को पुलिस के काम से जिला मुख्यालय भिवाड़ी और प्रशासनिक कामकाज के लिए नीमराणा, बहरोड़, तिजारा और किशनढ़बास, बानसूर व मुण्डावर एसडीओ कार्यालय में आना पड़ेगा। दूरी भी करेगी परेशान भिवाड़ी जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय क्षेत्र में भिवाड़ी, तिजारा, किशनगढ़बास, नीमराणा और बहरोड़ सर्किल को शामिल किया जाएगा। नए जिले में तिजारा को वृत बनाने का प्रस्ताव भी है। ऐसे में इन क्षेत्रों की भिवाड़ी से अधिक दूरी भी लोगों को परेशानी करेगी।
क्षेत्र अलवर से दूरी — बहरोड़ से दूरी बहरोड़ 65 —– 70
बानसूर 55 —– 110
हरसौरा 45 —– 100
मांढण 90 —– 40
शाहजहांपुर 85 —– 50
नीमराणा 80 —– 60
मुण्डावर 43 —– 65
किशनगढ़बास 35 —– 50
खैरथल 40 —— 65
ततारपुर 30 —– 75
(नोट-दूरी लगभग किलोमीटर के अनुसार)
बानसूर 55 —– 110
हरसौरा 45 —– 100
मांढण 90 —– 40
शाहजहांपुर 85 —– 50
नीमराणा 80 —– 60
मुण्डावर 43 —– 65
किशनगढ़बास 35 —– 50
खैरथल 40 —— 65
ततारपुर 30 —– 75
(नोट-दूरी लगभग किलोमीटर के अनुसार)
ये होगा नए जिले का स्वरूप नए जिले में एक एसपी, दो एएसपी, पांच उप अधीक्षक और पुलिस निरीक्षक सहित कुल 743 पद निर्धारित किए गए हैं। इसके अलावा पूर्व में सर्किल के पद अलग हैं।
जिले में अपराध का ग्राफ वर्ष —– दर्ज प्रकरण
2014 —- – 17849
2015 —– 18181
2016 —– 17129
2017 —– 17405
2018 —– 17440
2014 —- – 17849
2015 —– 18181
2016 —– 17129
2017 —– 17405
2018 —– 17440