नियम विरूद्ध हो रहा काम, सरकार को राजस्व का नुकसान बहरोड़ ञ्च पत्रिका. विद्युत निगम केबल ऑपरेटरों पर मेहरबान है, इसके चलते खंभों पर बिजली के तारों से ज्यादा इन्टरनेट और टीवी केबल लटकी हुई है। कस्बे में एक भी पोल ऐसा नहीं दिखाई देता ,जिस पर केबल का जाल न हो। गर्मी के मौसम में आए दिन शार्ट सर्किट से बिजली गुल हो रही है। इधर लाइनमैन जब लाइन में आए फाल्ट को तलाशते है तो उन्हें केबिलों के मक्कडज़ाल में कुछ नहीं दिखाई देता एवं फाल्ट को ढूढ़ते रह जाते हैं। खंभों पर लटके हुए ज्यादातर तार खराब है वे उपयोग में नहीं आ रहे है। क्योंकि एक बार तार के खराब होने पर ऑपरेटर पुराने तार को वहां से नहीं हटाते है और नई तार डाल दी जाती है। इन लटके केबिल के तारों को हटाने के लिए निगम अधिकारियों ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि यह समस्या काफी जटिल हो चुकी है। इन तारों की वजह से विद्युत सप्लाई में भी बाधा आ रही है। आगजनी की हुई घटनाएं : बिजली खंभों पर केबल तारों को इस तरह से लाद दिया है कि बिजली तारे भी झुक गई। कस्बेवासियों ने बताया कि पहले भी तारों के जाल के कारण आगजनी की घटनाएं भी हो चुकी हैं। फिर भी बिजली निगम के अधिकारियों ने कोई सबक नहीं लिया। दूसरी ओर बिजली के खंभों पर बेरोकटोक तारों का जाल बिछाया जा रहा है। कई जगह वाईफाई और केबल की तारों के उलझने से नेटवर्क को लेकर कस्बेवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कहा कि यह सब बिना अनुमति के लगाए गए तार कभी भी हादसे का कारण बन सकते है। कस्बे में बिजली निगम के अनगिनत खंभे लगे हैं,सभी पर केबल जाल मिलेगा। शायद ही कोई पोल बचा हो जिस पर यह स्थिति न बनी हो। स्ट्रीट लाइट के पोल का भी यही हालबिजली निगम की तरह पालिका की ओर से लगाई स्ट्रीट लाइट का भी यही हाल है। स्ट्रीट लाइट के खंभों पर भी केबल नेटवर्क वालों ने अपने तार बांधे हुए हैं,जो कि यह गैरकानूनी है। यह सब तार बिजली निगम और पालिका के अधिकारियों के सामने लगे हैं फिर भी किसी पर कार्रवाई नहीं होती। किसी पर कार्रवाई न करना अधिकारियों को संदेह के घेरे में खड़ा करता है।कई कर्मचारी आए करंट की चपेट में कस्बे में बिजली के पोल लगे हुए हैं उन पर केवल बिजली की तार ही डाली जा सकती है। लेकिन केबिल ऑपरेटर अपने तार लगा कर हादसे को न्योता देते हैं। कई बार केबिल के तार बिजली के तार से टकराकर विद्युत उपकरणों को भी जला चुके हैं। इतना ही नहीं तारों को ठीक करने के लिए केबिल ऑपरेटर के ही कर्मचारी ठीक करने के लिए पोल पर चढ़ते हैं। उन्हें करंट भी लग जाता है। &कस्बे में कुछ नेटवर्क कम्पनियों ने तो फाइबर लाइन के लिए परमिशन ले रखी है और डिमांड नोटिस भी जमा कराया गया है। इसके अलावा बिजली खंभों पर जो तार लटक रहे हैं उनको जब भी बिजली कर्मचारी कहीं पर मरम्मत करने के लिए जाते है तो केबिल व वाईफाई के खराब तारों को काट देते हैं। केबिल और वाईफाई लगाने वाले ऑपरेटर को खंभों पर केबल नहीं लगाने के लिए कहा भी गया है,फिर भी जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। अमित यादव,सहायक अभियंता, बहरोड़
नियम विरूद्ध हो रहा काम, सरकार को राजस्व का नुकसान बहरोड़ ञ्च पत्रिका. विद्युत निगम केबल ऑपरेटरों पर मेहरबान है, इसके चलते खंभों पर बिजली के तारों से ज्यादा इन्टरनेट और टीवी केबल लटकी हुई है। कस्बे में एक भी पोल ऐसा नहीं दिखाई देता ,जिस पर केबल का जाल न हो। गर्मी के मौसम में आए दिन शार्ट सर्किट से बिजली गुल हो रही है। इधर लाइनमैन जब लाइन में आए फाल्ट को तलाशते है तो उन्हें केबिलों के मक्कडज़ाल में कुछ नहीं दिखाई देता एवं फाल्ट को ढूढ़ते रह जाते हैं। खंभों पर लटके हुए ज्यादातर तार खराब है वे उपयोग में नहीं आ रहे है। क्योंकि एक बार तार के खराब होने पर ऑपरेटर पुराने तार को वहां से नहीं हटाते है और नई तार डाल दी जाती है। इन लटके केबिल के तारों को हटाने के लिए निगम अधिकारियों ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि यह समस्या काफी जटिल हो चुकी है। इन तारों की वजह से विद्युत सप्लाई में भी बाधा आ रही है। आगजनी की हुई घटनाएं : बिजली खंभों पर केबल तारों को इस तरह से लाद दिया है कि बिजली तारे भी झुक गई। कस्बेवासियों ने बताया कि पहले भी तारों के जाल के कारण आगजनी की घटनाएं भी हो चुकी हैं। फिर भी बिजली निगम के अधिकारियों ने कोई सबक नहीं लिया। दूसरी ओर बिजली के खंभों पर बेरोकटोक तारों का जाल बिछाया जा रहा है। कई जगह वाईफाई और केबल की तारों के उलझने से नेटवर्क को लेकर कस्बेवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कहा कि यह सब बिना अनुमति के लगाए गए तार कभी भी हादसे का कारण बन सकते है। कस्बे में बिजली निगम के अनगिनत खंभे लगे हैं,सभी पर केबल जाल मिलेगा। शायद ही कोई पोल बचा हो जिस पर यह स्थिति न बनी हो। स्ट्रीट लाइट के पोल का भी यही हालबिजली निगम की तरह पालिका की ओर से लगाई स्ट्रीट लाइट का भी यही हाल है। स्ट्रीट लाइट के खंभों पर भी केबल नेटवर्क वालों ने अपने तार बांधे हुए हैं,जो कि यह गैरकानूनी है। यह सब तार बिजली निगम और पालिका के अधिकारियों के सामने लगे हैं फिर भी किसी पर कार्रवाई नहीं होती। किसी पर कार्रवाई न करना अधिकारियों को संदेह के घेरे में खड़ा करता है।कई कर्मचारी आए करंट की चपेट में कस्बे में बिजली के पोल लगे हुए हैं उन पर केवल बिजली की तार ही डाली जा सकती है। लेकिन केबिल ऑपरेटर अपने तार लगा कर हादसे को न्योता देते हैं। कई बार केबिल के तार बिजली के तार से टकराकर विद्युत उपकरणों को भी जला चुके हैं। इतना ही नहीं तारों को ठीक करने के लिए केबिल ऑपरेटर के ही कर्मचारी ठीक करने के लिए पोल पर चढ़ते हैं। उन्हें करंट भी लग जाता है। &कस्बे में कुछ नेटवर्क कम्पनियों ने तो फाइबर लाइन के लिए परमिशन ले रखी है और डिमांड नोटिस भी जमा कराया गया है। इसके अलावा बिजली खंभों पर जो तार लटक रहे हैं उनको जब भी बिजली कर्मचारी कहीं पर मरम्मत करने के लिए जाते है तो केबिल व वाईफाई के खराब तारों को काट देते हैं। केबिल और वाईफाई लगाने वाले ऑपरेटर को खंभों पर केबल नहीं लगाने के लिए कहा भी गया है,फिर भी जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। अमित यादव,सहायक अभियंता, बहरोड़