scriptमैसेज बता देगा साइबर अपराधियों का पता | Language Modules Developed by Rajasthan Technical University student, Cyber criminals Identify the message | Patrika News

मैसेज बता देगा साइबर अपराधियों का पता

locationअलवरPublished: Aug 13, 2016 03:16:00 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

अब सिर्फ मजनून पढ़ कर ई-मेल, व्हाट्सएप और फेसबुक पर संदेश लिखने वाले का पता मिल जाएगा।

अब सिर्फ मजनून पढ़ कर ई-मेल, व्हाट्सएप और फेसबुक पर संदेश लिखने वाले का पता मिल जाएगा। शब्दों के इस्तेमाल और मैसेज लिखने के तरीके से न सिर्फ साइबर थ्रेट का अंदाजा लगाया जा सकेगा, बल्कि साइबर अपराधियों की शिनाख्त भी की जा सकेगी। राजस्थान तकनीकी विवि की छात्रा ने ऐसा लैग्वेज केरेक्टिस्टिक्स मॉड्यूल तैयार किया है, जिससे साइबर क्राइम को रोकना बेहद आसान होगा। 
हर आदमी का भाषा ज्ञान एक दायरे तक सिमटा होता है। ज्यादा से ज्यादा पांच हजार शब्द उसके मस्तिष्क में घर कर पाते हैं, उन्हीं को उलट-पलट कर वह जिंदगी का हर पहलू लिखता है। यही शब्द उसके लिखने का तरीका भी तय करते हैं। इंसान की यही कमजोरी अब साइबर क्राइम को रोकने के लिए वरदान साबित होगी। राजस्थान तकनीकि विवि के कंप्यूटर साइंस विभाग से एमटेक फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रही छात्रा अरुणिमा शर्मा ने इसी कमजोरी को साइबर क्राइम रोकने के लिए हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया। 
मेल, ट्विटर, व्हाट्सएप और मोबाइल आदि तकनीकि माध्यमों के जरिए मैसेज करने वाले करीब दो हजार लोगों की शब्दावली और मैसेज का एक साल तक डाटा तैयार किया और उसे शब्दों के बार-बार इस्तेमाल, वाक्य बनाने के तरीके, लिखने की स्टाइल और लेखक की भावनाओं के आधार पर चार हिस्सों में बांटकर गहन शोध किया। आखिरी नतीजे खासे चौंकाने वाले रहे।
अरुणिमा ने बताया कि इन लोगों ने सौ से लेकर एक हजार शब्दों का हर बार इस्तेमाल किया। शार्ट मेसेज हो या बड़ी समीक्षा हर बार लिखने का स्टाइल भी एक जैसा ही रहा। कई बार कोशिश भी की, लेकिन बहुत ज्यादा अंतर नहीं आया। इसी लैग्वेज केरेक्टिस्टिक्स मॉड्यूल के आधार पर ई-सिस्टम में मैसेज डालने वाले हर शख्स की बड़ी आसानी से पहचान कर ली गई। 
अरुणिमा के मार्गदर्शक रहे एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सीपी गुप्ता ने बताया कि मॉड्यूल तैयार करने के बाद अब वह ऐसा सॉफ्टवेयर बनाने में जुटे हैं जो साइबर जगत में आने वाले किसी भी मैसेज का मॉड्यूल के हिसाब से आंकलन कर सके और उसके सोर्स का पलक झपकते ही पता लगा ले।
दो दिन जुटेंगे साइबर सिक्योरिटी के दिग्गज 

डॉ. सीपी गुप्ता ने बताया कि अरुणिमा समेत देश और दुनिया में साइबर सुरक्षा पर शोध करने वाले छात्र और शिक्षक दो दिन तक आरटीयू में जुटेंगे। 13 और 14 अगस्त को आरटीयू में होने वाली इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन साइबर सिक्टोरिटी में नामी कंपनियों के साइबर सिक्योरिटी इंजीनियर सुरक्षा पर व्याख्यान देंगे और छात्रों को इस दिशा में शोध कार्य करने के लिए नई राह दिखाएंगे। 

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