अलवर

नामांकन को बचे केवल 4 दिन, प्रदेशाध्यक्ष भी नाम पर साध रहे चुप्पी

अलवर उपचुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरु, प्रदेशाध्यक्ष भी नाम पर साध रहे चुप्पी।

अलवरJan 07, 2018 / 12:32 pm

Prem Pathak

अलवर. लोकसभा उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हुए चार दिन बीत गए, लेकिन भाजपा अब तक अपना टिकट तय नहीं कर पाई है। शनिवार को भी जिले भर में भाजपा प्रत्याशी के नाम की घोषणा का इंतजार होता रहा, लेकिन देर रात तक भाजपा प्रत्याशी को लेकर पत्ते नहीं खोल पाई।

उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने में मात्र तीन दिन का समय और बचा है, लेकिन भाजपा में टिकट को लेकर अब तक ऊहापोह की स्थिति है। हालांकि भाजपा की ओर से श्रम मंत्री डॉ. जसवंत यादव खुद को प्रत्याशी बताकर चुनाव प्रचार में जुटे हैं। वहीं प्रत्याशी की घोषणा में देरी को लेकर सभी की नजरें अब दिल्ली पर टिकी है। हालांकि पार्टी के कुछ नेता रविवार को प्रत्याशी की घोषणा की संभावना जता रहे हैं, लेकिन वे भी स्पष्ट तौर पर टिकट को लेकर कुछ भी कहने से बचते दिखे।

प्रत्याशी की घोषणा बिना ही पार्टी जुटी चुनावी तैयारियों में


हालांकि भाजपा की ओर से लोकसभा उपचुनाव के लिए अब तक अधिकृत प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन पार्टी पदाधिकारी चुनावी तैयारियों को अंजाम देने में जुट गए हैं।
पार्टी की ओर से संगठन को चुनाव के लिए तैयार करने के उद्देश्य से हर दिन कोई न कोई बैठक कर पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए जा रहे हैं। वहीं श्रम मंत्री यादव व उनके परिजन चुनाव प्रचार में जुटे हैं। मंत्री यादव अब तक जिले में कई क्षेत्रों का दौरा भी कर चुके हैं। इन दौरों में श्रम मंत्री बतौर भाजपा प्रत्याशी ही लोगों से सम्पर्क कर रहे हैं।
‘प्रत्याशी का चयन संसदीय बोड की बैठक में होगा’

अलवर. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने कहा कि अलवर सहित प्रदेश में होने वाले तीनों उपचुनाव में पार्टी जिसे टिकट देगी, वहीं भाजपा प्रत्याशी होगा। शनिवार को अलवर में आयोजित भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में भाग लेने आए परनामी ने टिकट को लेकर बने उहापोह पर कहा कि भाजपा प्रत्याशी का चयन संसदीय बोर्ड की बैठक मेें होगा। पार्टी जिसे टिकट देगी, वह चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा कि टिकट को लेकर कार्यकर्ताओं के मन में कोई असमंजस नहीं है। भाजपा व्यक्ति के लिए काम नहीं करती। भाजपा कार्यकर्ता पार्टी और उसके सिद्धान्तों के लिए कार्य करते हैं। व्यक्ति के लिए नहीं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों के तबादलों में जनप्रतिनिधियों की भूमिका को सिरे से नकारते हुए स्वीकारा कि जनप्रतिनिधियों के पास कोई आता है तो वे उसे डिजायर लिखकर देते हैं, लेकिन डिजायर से कभी ट्रांसफर नहीं होते। ट्रांसफर हमेशा पॉलिसी के माध्यम से होते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रांसफर का धंधा तो कांग्रेस राज में चलता था। भाजपा राज में एेसा नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा तुष्टीकरण की राजनीति की। इसलिए जनता ने उसे नकार दिया। भाजपा ने हमेशा जनहित को ध्यान में रखकर काम किए। उन्होंने दावा किया कि उपचुनाव सहित आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों में भाजपा की फिर से जीत होगी।
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