अलवर उपचुनाव के लिए प्रदेश भाजपा की ओर से पिछले दिनों प्रत्याशी लगभग तय कर पैनल केन्द्रीय नेतृत्व को भेजा गया है। अब दिल्ली में पार्टी की संसदीय समिति की बैठक में पार्टी की ओर से तय नाम पर मुहर लगना बाकी है, लेकिन बैठक में देरी होने से लोग अब कयास लगे हैं कि अंतिम समय में पैनल में कोई नया नाम तो नहीं जुड़ गया।
अब सबकी नजरें दिल्ली की बैठक पर टिकी
भाजपा की ओर से अब तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं होने से लोग अब दिल्ली की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं। संसदीय बोर्ड की बैठक नहीं हो पाने के पीछे भाजपा नेताओं का तर्क है कि अलवर के अलावा अजमेर सहित देश के कई अन्य राज्यों में भी लोकसभा के उपचुनाव होने हैं। ऐसे में कई क्षेत्रों से दावेदारों के पैनल दिल्ली पहुंचने में देरी हो रही है, इस कारण अलवर के प्रत्याशी की घोषणा भी नहीं हो पा रही है।
संसदीय बोर्ड की बैठक आज होने की उम्मीद भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक बुधवार को दिल्ली में होने की संभावना है। इस बैठक में अलवर लोकसभा उपचुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशी के रूप में श्रम मंत्री डॉ. जसवंत यादव के नाम पर मुहर लग सकती है। ऐसे में लोकसभा उपचुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशी की घोषणा का इंतजार खत्म होना संसदीय बोर्ड की बैठक के आयोजन पर निर्भर है। गत कुछ दिनों से भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक होने की चर्चा थी, लेकिन नहीं हो पाई। इस कारण भाजपा प्रत्याशी का नाम भी घोषित नहीं हो पाया। हालांकि श्रम मंत्री डॉ. जसवंत यादव ने क्षेत्र में प्रचार अभियान शुरू कर दिया है तथा भाजपा पदाधिकारी भी दौरे कर चुनाव तैयारियों को अंजाम देने में जुट गए हैं।
उधर, भाजपा नेता खुलकर संसदीय बैठक की तारीख बताने से बच रहे हैं, लेकिन कुछ नेताओं का कहना है कि बुधवार को दिल्ली में संसदीय बोर्ड की बैठक होने की उम्मीद है। यदि बैठक में अलवर के पैनल पर चर्चा होगी और तय नाम पर किसी प्रकार का पेंच नहीं अटका तो इस बैठक में भाजपा प्रत्याशी की घोषणा संभव है। पार्टी से जुड़े नेताओं का मानना है कि बैठक में प्रदेश भाजपा की ओर से तय नाम पर ही मुहर लगना तय है और प्रदेश भाजपा ने डॉ. जसवंत यादव का नाम तय कर भेजा है।
नये दावेदार का नाम तो नहीं जुड़ गया राजनीतिक गलियारे के अलावा आम लोगों में कयासबाजी का दौर चल पड़ा है। हर दिन किसी न किसी नये दावेदार का नाम चर्चा में आता रहा है। हालांकि प्रदेश भाजपा की ओर से दो से तीन दावेदारों के नाम का पैनल दिल्ली भेजने की चर्चा है। इसमें श्रम मंत्री डॉ. जसवंत यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष संजय शर्मा के अलावा एक और नया नाम महंत बालकनाथ के जुडऩे की चर्चा जोरों पर है। हालांकि भाजपा नेताओं का कहना है कि उपचुनाव में प्रदेश भाजपा की ओर से तय नाम में बदलाव की संभावना कम ही रहती है। महंत बालकनाथ के नाम की चर्चा भाजपा प्रत्याशी की घोषणा में देरी के चलते आई है।