कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के देशभर में 21 दिन का लॉक डाउन चल रहा है। लोगों के घरों से निकलने पर रोक लगा दी गई है। निर्धारित समय में छूट के दौरान ही लोगों को बाजारों में खरीदारी के लिए आने दिया जा रहा है। आपात स्थिति को देखते हुए लोगों ने अपने घरों में एक-दो माह के राशन का स्टॉक शुरू कर दिया है। कई दुकानदार इस आपात स्थिति में मानवीय संवेदनाओं को भूलकर लोगों की मजबूरी का जमकर फायदा उठा रहे हैं। बाजार में खाद्य सामग्री गेहूं, चावल, आटा, दाल, तेल, घी, चीनी व चाय आदि के दाम कई फीसदी महंगे कर दिए। बाजार में अचानक से बढ़ी खाद्य पदार्थों की कालाबाजारी को लेकर चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन इसके बावजूद भी रसद विभाग के अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। खाद्य पदार्थों की कालाबाजारी को रोकने के लिए विभाग के अधिकारी बाजार में नजर ही नहीं आ रहे हैं।
मसाले भी हो गए महंगे
बाजार में मसालों की कालाबाजारी भी बढ़ गई है। बाजार में आज से सात-आठ दिन पहले मसाले जिस रेट में बिक रहे थे। फिलहाल ये सभी मसाले 5 से 10 फीसदी महंगे हो गए हैं।
लोगों के घर राशन भी नहीं पहुंच रहा प्रशासन ने आपात स्थिति को देखते हुए गरीब तबके के लोगों के घरों में राशन पहुंचाने की व्यवस्था की है, लेकिन इस व्यवस्था का जिम्मा संभाल रहा रसद विभाग काफी सुस्ती से काम कर रहा है। सूचना देने के बाद भी कई लोगों के घरों में राशन नहीं पहुंचाया जा रहा है।
खाद्य सामग्री के दामों में आया अंतर खाद्य सामग्री—– पहले——- अब
गेहूं ——- 2500 रु क्विंटल —–3000 से 3200 रु क्विंटल
चावल ——30 से 100 रु किलो ——40 से 110 रु किलो
दाल——– 60 से 100 रु किलो—– 70 से—— 120 रु किलो
आटा ——350 रु प्रति दस किलो —–370 रु प्रति दस किलो
तेल ——–100 रुपए लीटर ———–110 से 120 रु लीटर
रिफाइंड —–90 रुपए लीटर ———–100 से 110 रु लीटर
मेदा ——–30 रुपए किलो——— 35 रुपए किलो
सूजी ———-30 रुपए किलो ——35 रुपए किलो
डीएसओ नहीं उठाते फोन कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण जिले में आपात स्थिति चल रही है। जिले के सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने और मोबाइल चालू रखने के निर्देश हैं। इसके बावजूद भी जिला रसद अधिकारी रवि जाधव लोगों के फोन रिसीव नहीं कर रहे हैं तथा बीच-बीच में कई बार मोबाइल बंद भी कर देते हैं। इससे लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।