अलवर

अलवर में आधार कार्ड व स्टाम्प वेंडर के नाम पर इस तरह हो रही कालाबाजारी, जानिए आप भी

अलवर में स्टाम्प व आधार कार्ड के नाम पर कालाबाजारी हो रही है। यहां वेंडर पांच और विक्रेता तीन है।

अलवरApr 17, 2018 / 10:13 am

Prem Pathak

अधिकारियों की मिलीभगत से जहां आधार कार्ड और स्टांप वेण्डर्स ने लूट मचाई है, वहीं सरकार को बदनाम करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही है। जिससे जहां गरीबों की जेब पर डाका पड़ रहा है, वहीं अधिकारी कालाबाजारी की जानकारी होते हुए भी अनजान बने हुए हैं। इससे कालाबाजारी करने वालों के हौसले दिन-प्रतिदिन बुलंद होते जा रहे हैं। अलवर जिले के टपूूकड़ा कस्बे में यह गोरखधंधा बिना किसी रोक-टोक के बेधडक़ फल-फूल रहा है। सूत्रों की मानें तो टपूकड़ा कस्बे में राजकीय रिकार्ड में 5 स्टांप वेण्डर्स के नाम दर्ज हैं, जबकि हकीकत में केवल 3 स्टांप वेण्डर्स स्टाम्प विक्रय कर रहे हैं। जिससे किसी भी कार्य के लिए स्टाम्प खरीदने वालों को कालाबाजारी का शिकार होना पड़ रहा है। इससे उनकी मनमर्जी चल रही है। इनमें से 2 स्टांप वेण्डर्स तो केवल घर पर रहते हैं और उनके भी स्टांप पेपर विक्रय करने वाले 3 वेण्डर्स के पास आ जाते हैं। इससे तीनों स्टांप विक्रेताओं को अपनी मनमानी कीमत पर स्टांप बेचने का मौका मिल जाता है।
इसका एक अन्य पहलू यह है कि जब कोई जरूरतमंद स्टांप वेंडर्स के पास आता है, तो वे उसे स्टांप तभी देते हैं जब उसी से टाइप कराया जाए। इससे जरूरतमंद व्यक्ति उसी से टाइप कराने को मजबूर हो जाता है और टाइपिंग मैटर का वो मनमाना चार्ज वसूलते हैं। इसके अलावा 50 रुपए की कीमत का स्टांप क्रेता को 60 रुपए में दिए जाने का प्रावधान होने के बावजूद वेण्डर्स 70-80 रुपए तक में बेचते हैं। जिससे सीधा जरूरतमंद को नुकसान उठाना पड़ता है। वेण्डर्स का पेट वाजिब कमीशन से नहीं भरता।
आधार कार्ड बनाने का गोरखधंधा

राज्य सरकार की ओर से जिला प्रशासन ने आधार कार्ड बनाने वाले लोगों को अलग-अलग स्थानों के लिए अधिकृत किया हुआ है। नया आधार कार्ड बनाने का कोई शुल्क नहीं है, लेकिन हकीकत यह है कि बिना शुल्क लिए जरूरतमंद को नए आधार कार्ड भी नहीं बनाए जाते। शुल्क भी जरूरतमंद की आवश्यकता के अनुरूप सौ-डेढ़ सौ रुपए तक वसूला जा रहा है।
इसके अलावा इनके पास जिस क्षेत्र के आधार कार्ड बनाने की अनुमति होती है, ये उसके अलावा अन्य क्षेत्रों में भी अपनी आधार मशीन को ले जाकर आधार कार्ड बनाते हैं। इतना ही नहीं कइयों ने तो जिस क्षेत्र के आधार कार्ड बनाने की अनुमति ली है, वहां कभी आधार कार्ड ही नहीं बनाए तथा आधार मशीन को अपनी सुविधानुसार अन्य क्षेत्र में ले जाकर स्थापित कर लिया है। इससे उस क्षेत्र के जरूरतमंद आधार कार्ड के लिए इधर-उधर भटकते फिर रहे हैं। इसी तरह आधार कार्ड में संशोधन का शुल्क 25 रुपए निर्धारित है, जबकि इसमें पचास से सौ रुपए तक वसूले जा रहे हैं।
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