अलवर

जिले के तीनों निकायों में निर्दलियों के पेच से दोनों दलों के उड़े होश

अलवर. नगर परिषद चुनाव में दोनों ही प्रमुख पार्टियों ने जिन नेताओं को टिकट वितरण की बड़ी जिम्मेदारी दी अब उनको ही बोर्ड बनाने की कमान सौंपी है। ताकि आगे हार-जीत का श्रेय भी सबसे अधिक उनको ही मिल सके। तभी तो भाजपा-कांग्रेस के बड़े नेताओं ने मतदान के बाद ही पूरी सक्रियता दिखा दी। पार्टी प्रत्याशियों के अलावा जिताऊ निर्दलियों की बाड़ेबंदी होना शुरू हो गई है।

अलवरNov 17, 2019 / 09:43 pm

Subhash Raj

जिले के तीनों निकायों में निर्दलियों के पेच से दोनों दलों के उड़े होश

नगर परिषद अलवर, भिवाड़ी व नगर पालिका थानागाजी में वार्ड पार्षद प्रत्याशी के टिकट का अंतिम फैसला भी पार्टी की कोर कमेटी ने ही किया। अब उन पर ही बोर्ड बनाने की जिम्मेदारी है। टिकट वितरण में काफी उठापटक देखने को मिली। जिसके कारण दोनों ही पार्टियों में कई वार्डों में निर्दलीय चुनाव में कूद गए। अब उनमें से कई निर्दलीय जीतने की स्थिति में है। जिनको पार्टी ने टिकट दिया उनको अपने पाले में रखने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी पार्टी की कोर कमेटी की है। लेकिन, जो पार्टी से बागी होकर चुनाव में कूदे और अब जीत की स्थिति में हैं। उनको पार्टी में लाने के लिए खास रणनीति बनानी पड़ रही है।
बागी होकर जीतने वाले पार्षद व टिकट वितरण में प्रमुख भूमिका निभाने वाले नेताओं के बीच आपसी खींचतान भी हो सकती है। जिसमें संंतुलन बनाने के लिए पार्टी नेताओं को बड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है। दोनों पार्टियो के नेता चाहेंगे कि कैसे भी करके बोर्ड बनाया जाए। कम सीट लाकर भी दूसरी पार्टी बोर्ड बना गई तो जवाब देना मुश्किल हो जाएगा। इस तरह टिकट वितरण करने वाले नेताओं के हाथ में बोर्ड बनाने की जिम्मेदारी तो हैं लेकिन, बड़ी कठिन डगर है। वैसे भी जानकार मान रहे हैं कि अलवर व भिवाड़ी में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल रहा। दोनों को निर्दलियों की जरूरत पड़ेगी।
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