-कृष्ण गोपाल कौशिक, महासचिव, नीमराना इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
निदेशक , ग्रबेको पैकेजिंग एलएलपी, नीमराना कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा दें-भारत 2020-21 में कोरोना वायरस महामारी के कारण हुई आर्थिक तबाही से उबरने के लिए कृषि आधारित उद्योग एवं अन्य उद्योगों को बढ़ावा देना चाहिए, विकास और वसूली फिलहाल सबसे बड़ी चिंता जीडीपी में संकुचन है । विकास एवं रिकवरी इस बजट का अहम बिंदु होना है। सरकार को उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय बुनियादी ढांचे कौशल विकास और विनिर्माण की दिशा में पैसों का निवेश करना चाहिए, जिससे दोनों अधिक रोजगार सृजन की ओर अग्रसर होंगे, कृषि पर विशेष ध्यान दें सरकार किसान एवं उद्योगों के लिए वेयर हाउस एवं कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं को बेहतर कर सकती है।
सोतानाला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन जीएसटी को कम किया जाए- केंद्रीय बजट में उद्योगों को पैकिंग मैटेरियल, कच्चा माल एवं इंजीनियरिंग पाट्र्स पर अभी जीएसटी ज्यादा है उसको कम किया जाए, जिससे उद्योगों की लागत कम हो एवं वे अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में अपना माल बेच सकें। इस समय उद्योगों को राहत देने का समय है। ऐसे में सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए।
ग्लोबस स्पिरिट प्रा. लि. गुंती, बहरोड़ करों की दर को कम किया जाए- केंद्र सरकार की ओर से लिए जा रहे सभी करो की दरों को कम किया जाए जिससे महंगाई कम हो और बाजारों में उत्पादनों की मांग बढ़े जिससे उद्योगों में उत्पादन प्रक्रिया अच्छे स्तर को प्राप्त करें साथ ही निजी करों की स्लैब को कम किया जाए ताकि अधिक से अधिक करदाता इससे जुड़ सकें।
निदेशक,
संदेन विकास प्रीसिजन पाट्र्स प्रा. लि. महामारी को ध्यान में रखते हुए व्यवसाय को चलाना कठिन है, वेतन सब्सिडी के मामले में नियोक्ता को सहायता दी जाए, आयकर में कटौती ईंधन की कीमतों पर नियंत्रण और प्रशिक्षु की अपेक्षा की जाएगी। उसी पर अनुकूल प्रतिक्रिया की अपेक्षा है। इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।
औद्योगिक प्रोत्साहन हेतु सरकार उद्योगों के लिए एक महत्वपूर्ण एवं रोजगारोन्मुखी सहायता प्रदान करे ताकि बंद उद्योगों को संबल प्राप्त हो। मंहगाई के स्तर को कम करने के लिए ईंधन(पेट्रोल, गैस, डीजल) की दरों को कम किया जाए। और ऐसी व्यवस्था ही की उद्योगों को सुगमता से कम दामों में कच्चे समान कि उपलब्धता हो सके।
अध्यक्ष
नीमराना इंडस्ट्रीज एसोसिएशन