
प्रतीकात्मक तस्वीर-पत्रिका
अलवर। कॉल गर्ल और एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर ऑनलाइन ठगी का धंधा अब गांवों तक फैल चुका है। कई भोले-भाले लोग इसके शिकार हो रहे हैं, लेकिन शर्म और बदनामी के डर से अधिकांश लोग मामले की रिपोर्ट नहीं करते। जयपुर पुलिस कमिश्नर और जयपुर जिला ग्रामीण पुलिस ने साइबर सेल की मदद से ऐसे कई गिरोहों का भंडाफोड़ किया है, जिनमें 15 से अधिक साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।
खास बात यह है कि पकड़े गए आरोपियों में अधिकतर युवा ग्रामीण क्षेत्र के हैं, जो चमक-दमक वाली जिंदगी के लिए इस अपराध की दुनिया में कदम रख रहे हैं।
पुलिस के अनुसार, आरोपी फर्जी वेबसाइट्स बनाकर, सोशल मीडिया से आकर्षक युवतियों की तस्वीरें चुराते थे और उन्हें अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर देते थे। इस तरह वे ग्राहकों को आकर्षित करते और एडवांस पेमेंट करने के लिए बहकाते थे। एक बार जब ग्राहक 10 से 25 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर देते, तो आरोपित उनसे संपर्क बंद कर देते थे।
इसके अलावा, गिरोह एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर ऑनलाइन विज्ञापन डालते थे, जिसमें युवतियों की तस्वीरें और मोबाइल नंबर होते थे। ग्राहक जब संपर्क करते तो होटल, सिक्योरिटी और सर्विस चार्ज के नाम पर एडवांस रुपये मंगवाए जाते और फिर नंबर ब्लॉक कर दिया जाता था।
'लग्जरी लाइफ जीने के लिए साइबर अपराध करना गलत है। झांसा देकर लोगों को ठगने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।' -महावीर सिंह शेखावत, थाना प्रभारी मुंडावर
Updated on:
18 Nov 2025 11:02 pm
Published on:
18 Nov 2025 10:26 pm
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