परिवादी रामजीलाल मीणा से लिखित में शिकायत ली गई, जिसमें उसने बताया कि सीएजी टीम के वित्तीय अधिकारी चौरसिया एक लाख रुपए की मांग कर रहे हैं। इसमें 50 हजार रुपए स्वयं तथा 50 हजार रुपए उनके साथी मनपाल यादव के हैं। इस पर परिवादी ने फिलहाल एक लाख रुपए नहीं होने की बात कही। सहायक अकाउंट्स अधिकारी चौरसिया ने कहा कि अभी दोनों के 25-25 हजार रुपए दो, बाकी रकम बाद में दे देना।
परिवादी की ओर से अभी इतने रुपए की व्यवस्था नहीं करने की बात कहने पर चौरसिया ने कहा कि दोनों के 10-10 हजार रुपए यानि 20 हजार रुपए दे दो। बाकी रकम बाद में दे देना। इसके बाद सीबीआई एसीबी की टीम ने कार्रवाई के लिए अपना जाल बिछाया।
इसके तहत चौरसिया अपने साथी यादव के साथ एफसीआई कार्यालय के बाहर आकर मिला तथा परिवादी से बात की। बातचीत के बाद चौरसिया ने 20 हजार रुपए लेकर अपने लैपटॉप के बैग में रख लिए। बाद स्वतंत्र गवाह की मौजूदगी में सीबीआई एसीबी की टीम ने बैग से 20 हजार रुपए जब्त कर लिए तथा सीएजी ऑडिट टीम दिल्ली के सहायक अकाउंट्स ऑफिसर रमेश प्रसाद चौरसिया व सीनियर अकाउंट्स ऑफिसर मनपाल यादव को गिरफ्तार
कर लिया।
कई दिनों से कर रहे थे मांग परिवादी रामजीलाल मीणा ने बताया कि सीएजी 2016-07 व 17-18 की ऑडिट के लिए दिल्ली से सीएजी टीम गत सोमवार को अलवर आई थी। टीम के सदस्य रमेश प्रसाद चौरसिया व मनपाल यादव ने पहले ऑडिट पैरा हटाने और ऑडिट में कमी नहीं निकालने की एवज में दो लाख रुपए की मांग की, बाद में वे एक लाख रुपए की कहने लगे। इसके बाद उसने सीबीआई में इसकी शिकायत की और सत्यापन के बाद 20 हजार की राशि उन्हें दी।