बंद पड़ी निगाहों में कैद नहीं होते शातिर
अलवरPublished: Aug 13, 2019 05:41:39 pm
वारदात के बाद साफ बच निकल जाते हैं आरोपी, सीसीटीवी कैमरे कई जगह बंद
बंद पड़ी निगाहों में कैद नहीं होते शातिर
मुण्डावर. भले ही शहर में सुरक्षा व्यवस्था को चौकस करने के लिए लगे सीसीटीवी कैमरे कई वारदातों के राजफाश में अहम कड़ी बने हैं, लेकिन इस तीसरी आंख के सार-संभाल के लिए जिम्मेदार गंभीर नहीं हैं।
कस्बे में सुरक्षा व्यवस्था को चौकस करने के लिए लगे सीसीटीवी कैमरे अधिकांश जगहों पर बंद हैं। कई जगहों पर तो पिछले छह माह से सीसीटीवी कैमरे बंद हैं। ऐसे में कस्बे में शातिर वारदात करने के बाद कैमरे की नजर से बच निकलते हैं। पुलिस को भी आरोपियों तक पहुंचने में मशक्कतत करनी पड़ती है। हैरानी की बात यह है कि कस्बे में महाविद्यालय के समीप पिछले करीब छह माह से सीसीटीवी कैमरे बंद पड़े हैं। कस्बे में व्यापार मंडल की ओर से करीब एक वर्ष पूर्व करीब तीन लाख रुपए की लागत से ग्राम पंचायत की देखरेख में सुरक्षा व्यवस्था को चौकस करने, चोरी, डकैती, लूट व छेड़छाड़ की वारदातों पर निगरानी रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, लेकिन आंधी, बरसात के कारण अधिकांश जगहों पर कैमरे बंद पड़े हुए हैं। इसके बावजूद इन्हें पुन: शुरू करने के लिए महकमा गंभीर नहीं है। कस्बे के प्रमुख चौराहों व महाविद्यालय के पास करीब 16 कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन सार-संभाल नहीं होने के कारण अधिकांश सीसीटीवी कैमरे बंद पडे हुए हैं।
प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
व्यापार मण्डल के पदाधिकारी सुनील कौशिक का कहना है कि व्यापार मंडल की ओर से कस्बे में सीसीटीवी कैमरे तो लगा दिए गए, लेकिन इनकी सार-संभाल ग्राम पंचायत या प्रशासन की ओर से नहीं होने के कारण इनमें से अधिकांश कैमरे बंद पड़े हैं, जिससे शातिर वारदात करके आसानी से बच निकलते हैं। प्रशासन को इन्हें शीघ्र दुरुस्त करवाने चाहिए। सरपंच उषा जगदीश सैनी का कहना है कि सीसीटीवी कैमरे बंद पड़े हैं। शीघ्र ही इन्हें टैक्नीशियन को बुलवाकर जांच करवाकर ठीक करवाया जाएगा।