सोमवार को एक ही दिन में तीन चेन स्केचिंग की घटनाओं ने तो महिलाओं में तो इतना भय पैदा कर दिया है कि उन्होंने गले से चेन ही उतार दी है। शहर में आए दिन चेन लूटने की घटनाएं हो रही है लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर पा रही है। शहर की महिलाओं ने बातचीत के दौरान सवाल किया कि क्या लुटेरों के भय से हम सोना पहनना ही छोड़ दें? ऐसी पुलिस किस काम की जो अपराधियों में डर ही पैदा ना कर सके।
महिलाओं को अब सोने चांदी के जेवर पहनना ही बंद करना होगा। चेन लुटने पर सोना तो जाएगा ही, साथ में जान भी जा सकती है। पहले तो लगता था कि भीड़भाड़ वाली जगह पर ही चेन नहीं पहननी चाहिए। लेकिन अलवर में बीच सडक़ पर ही चेन लुट रही है। लुटेरे बेखौफ हो गए हैं।
– आशु अरोड़ा पूर्व में भी लगातार चेन स्नेचिंग की घटनाएं हुई थी तब महिलाओं ने चेन पहनना ही कम कर दिया था। अब फिर से ये घटनाएं हो रही है। अब तो सोने की चेन क्या सोने की चूडियां व एयर रिंग भी पहनना बंद कर दिया है। क्योंकि चेन छिनने पर घायल होने का भी खतरा है।
-किरण कौर
अब तो र्आिर्टफिशल चेन पहनने पर भी डर लगने लगा है क्योंकि लुटेरों को तो वह भी असली नजर आती है। कुछ माह पूर्व एक महिला के गले से आर्टिफीशियल चेन छीन लेने की घटना हो चुकी है। यदि ऐसे ही हालात रहे तो नाक, कान और गला सब सूना ही रखना पडेग़ा। हमें तो अब तो सोना पहनने से ही डर लगने लगा है।
– प्रीति अग्रवाल
अब ऐसा लग रहा है कि अलवर में जंगल राज आ गया है, किसी भी उम्र की महिलाएं सुरक्षित नहीं है। कभी छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म हो रहा है तो कभी कॉलेज जाती लड़कियों से खुलेआम छेड़छाड़ हो रही है, अब सामान्य आयु की महिलाओं के साथ चेन स्नेचिंग की वारदात हो रही है। अपराधी पुलिस पर हावी हो रहे हैं पुलिस कुछ नहीं कर पा रही है।
– मंजू शर्मा
हमारा शहर बहुत शांत था, लेकिन पता नहीं इस शहर को किस की नजर लग गई। कोई दिन ऐसा नहीं जा रहा है, जब अपराध ना हो। अब तो घर से निकलने में ही डर लगने लगा है। सोना पहनने से ज्यादा जरूरी अपनी जिंदगी को बचाना है।
– लक्ष्मी गुप्ता
ऐसा लग रहा है कि शहर में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है। हमारा शहर शांति के लिए जाना जाता था, लेकिन शांति अब नजर ही नहीं आती। हर तरफ अपराधियों का भय है। पुलिस को अपराधियों से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।
– अंजलि गुप्ता