पत्रिका की मुहिम रंग लाई, अंतिम वरीयता व पदस्थापन सूची भी जारी
स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न संवर्गों की भर्ती प्रक्रिया काफी समय से अटकी हुई थी। जो शुरू होने से पहले ही अनुभव प्रमाण पत्रों के फेर में उलझ गई। इसको लेकर प्रदेशभर के बेरोजगार अभ्यर्थियों ने स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ हैल्थ एंड फेमिली वेलफेयर (सीफू ) कार्यालय जयपुर पर करीब एक महीने तक धरना-प्रदर्शन कर विरोध जताया था। इस मुद्दे को पत्रिका ने 21 फरवरी के अंक में ’’अनुभव प्रमाण-पत्रों के फेर में उलझी, चिकित्सा विभाग में आठ श्रेणी की भर्तियां’’ शीर्षक से प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद सीफू के आश्वासन के बाद बेरोजगार अभ्यर्थियों का धरना-प्रदर्शन तो समाप्त हो गया, लेकिन बाद में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण भर्ती प्रक्रिया फिर से अटक गई। इस पर पत्रिका ने 1 जून के अंक में फिर से ’’सत्यापन के फेर में अटकी चिकित्सा विभाग की भर्ती, अभ्यर्थियों को आचार संहिता बाद आस’’ शीर्षक से खबर प्रमुखता से प्रकाशित की। इसके बाद 11 जून को निदेशालय, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से 5 कैडर की भर्तियों को जल्द पूरा करने के लिए कैलेंडर जारी किया है। इसके साथ ही कुछ संवर्गों की अंतिम वरीयता एवं पदस्थापन सूची भी जारी कर दी गई है। इसी तरह एनएमएच की महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता (एएनएम) संविदा भर्ती का परिणाम भी जारी कर दिया गया है।
राज्य सरकार का यह स्वागत योग्य कदम है। इससे अभ्यर्थियों की असमंजस की स्थिति खत्म होगी और भर्ती प्रक्रिया में गति आएगी। जिससे चिकित्सा संस्थानों में मानव संसाधनों की कमी की पूर्ति हो सकेगी एवं आमजन को लाभ मिलेगा। इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने के लिए पत्रिका का भी बहुत-बहुत आभार।
राजपाल सिंह यादव, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन