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जिले की एकमात्र महिला आईटीआई में अब आने से डर रही हैं बालिकाएं, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप

locationअलवरPublished: May 02, 2018 04:28:26 pm

Submitted by:

Prem Pathak

अलवर जिले की एकमात्र महिला आईटीआई में अब महिलाएं आने से कतरा रही है, वजह है इसकी इमारत।

Condition of one and only women iti in alwar
अलवर. काली मोरी फाटक के समीप स्थित राजकीय महिला आईटीआई लगातार उपेक्षा का शिकार हो रही है। न तो निदेशालय बालिकाओं की पीडा समझ रहा है और न ही सरकार। यहां का वर्षो पूर्व बनाया गया भवन अब क्षतिग्रस्त होने लगा है। इस भवन में करीब एक दर्जन से ज्यादा कमरे बने हुए हैं। आईटीआई प्राचार्य के कमरे की हालत सबसे अधिक खस्ता है। अधिकतर कमरों की दीवारें क्षतिग्रस्त हो रही है। कहीं प्लास्तर उतर रहा है तो कहीं दीवारों से चूना उतर रहा है। हालात यह है कि वर्षो बीतने के बाद भी यहां पर मुख्य सडक़ का निर्माण नहीं हो पाया है। जिसकी वजह से आए दिन हादसे हो रहे हैं।
30 साल से अधिक पुराना है भवन

प्राचार्य के कमरे की दीवारों पर बड़ी बड़ी दरारें आई हुई है। छत के ऊपर से चूना झडऩे लगा है। दीवारों पर लगा प्लास्तर पुराना होने के कारण जगह जगह से उतरने लगा है। कमरे में जाते ही पहली नजर यहां की दीवारों पर ही पड़ती है । आईटीआई भवन के कमरों को रंग रोगन करके चमकाया गया है लेकिन दीवारों में आई अनेक बड़ी दरारें देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि भवन के हालात खराब है। आईटीआई भवन का निर्माण पीडब्ल्यूडी की ओर से करवाया गया था। यह हालात किसी एक कमरे की नहीं है बल्कि अधिकतर कमरों का यही हाल है। ऐसे में आए दिन हादसे की चिंता सताने लगी है। इससे बालिकाओं व स्टाफ में भय बना हुआ है।
6 ट्रेड में 220 से ज्यादा बालिकाएं ले रही हैं प्रशिक्षण

बेसिक कॉस्टोमोलोजी 44, फैशन डिजायनिंग टैक्नॉलोजी -40, कंप्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोगामिंग एसिस्टेंड -52, फ्रंट ऑफिस असिस्टेंट – 35, ड्रेस मेकिंग -21, स्टेनोग्राफी – 26 बालिकाएं तकनीकि शिक्षा ले रहे हैं। यहां पर शहर व ग्रामीण क्षेत्र से आती हैं।

पीडब्यूडी और निदेशालय को दी है सूचना

आईटीआई के कमरों की हालत खराब है, दीवारों पर बड़ी बड़ी दरारें आ रही है। अनेक कमरों के यही हालात है। इसका प्रस्ताव तैयार करवाकर पीडब्ल्यूडी को निदेशालय को भिजवाया है बजट मिलते ही काम शुरु कर दिया जाएगा।
मनोज अग्रवाल, प्राचार्य, महिला आईटीआई, अलवर।

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