भाजपा के खिलाफ 13 जिलों के पानी के मुद्दे को कांग्रेस भुनाने में विफल!
अलवरPublished: Feb 28, 2023 04:00:23 pm
राजस्थान की 100 विधानसभा सीटों से जुड़े ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर भाजपा-कांग्रेस में सियासी घमासान जारी है। राज्य की सत्ता पर काबिज कांग्रेस सरकार केन्द्र की भाजपा सरकार से परियोजना को स्वीकृति नहीं मिलने पर बजट में राशि देकर काम चालू करा चुकी है। लेकिन जमीनी स्तर पर इस मुद्दे को भुनाने में कांग्रेस मजबूती से खड़ी नजर नहीं आ रही है।


भाजपा के खिलाफ 13 जिलों के पानी के मुद्दे को कांग्रेस भुनाने में विफल!
सुनील सिंह सिसोदिया
अलवर।
राजस्थान की सत्ता में रहते हुए कांग्रेस के हाथ में भाजपा के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा है, जो सियासी हवा में घुल ही नहीं पा रहा। इसी साल चुनाव हैं और मुद्दे से आप सभी वाकिफ भी है। ये मुद्दा 13 जिले और 100 विधानसभा से जुड़ा हुआ है। जी हां, ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना (ईआरसीपी) कांग्रेस के लिए एक मजबूत चुनावी हथियार बन सकता है, लेकिन इसकी धार को भाजपा के खिलाफ चमकाए रखने के बजाय छोटी-मोटी बयानबाजी से ही काम चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केंद्र सरकार और विपक्ष को लगातार घेर रहे हैं, फिर भी संगठन घर-घर इस मुद्दे को पहुंचाने में ताकत नहीं झौंक रहा है। भाजपा को टेंशन देने में फिलहाल कांग्रेस संगठन ढीला पड़ा हुआ है।
ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना (ईआरसीपी) में देरी के लिए राज्य केन्द्र की भाजपा सरकार को तो केन्द्र राज्य सरकार को जिम्मेदार बता रहा है। ऐसे में जनता का भी भला नहीं हो रहा। योजना का काम भी तेज होने के बजाय कछुए की चाल से भी नहीं चल पा रहा। परियोजना को मंजूरी केन्द्र से नहीं मिली तो राज्य सरकार ने इस योजना का पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में राजनीतिक लाभ लेने के लिए गत बजट और वर्तमान बजट में राशि भी स्वीकृत कर दी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कह भी चुके हैं कि यदि केंद्र सरकार 13 जिलों की प्यास नहीं बुझा सकती, तो हम अपने स्तर पर इस परियोजना को पूरा करेंगे, भले ही इसके लिए कितनी ही आर्थिक चुनौतियां झेलनी पड़ें।
आमजन में विशेष चर्चा नहीं
राज्य की कांग्रेस सरकार ने भले ही इस योजना के लिए बजट दे दिया और काम भी शुरू करा दिया, लेकिन जमीनी स्तर पर देखा जाए तो आमजन इसको लेकर चर्चा करता नजर नहीं आ रहा। पानी की किल्लत से जूझ रहे इन जिलों में पानी की समस्या को लेकर स्थानीय बांध व नदी से पानी की उपलब्धता को लेकर ही चर्चा रहती है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार केन्द्र सरकार पर हमलावर हैं। लेकिन कांग्रेस संगठन परियोजना से लाभान्वित होने वाले जिलों में माहौल खड़ा नहीं कर सकी। जमीनी स्तर पर इस योजना को लेकर आमजन में कोई विशेष चर्चा नहीं है। हालांकि कांग्रेस नेता कभी-कभी जरूर राजनीतिक बयानबाजी करते देखे जा सकते हैं।
---
इन सीटों पर कांग्रेस का दबदबा
दरअसल ईआरसीपी राजनीतिक रूप से राज्य के लिए महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। इस योजना से पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के करीब 100 विधानसभा सीटें जुड़ी हैं। इनमें से करीब आधी सीटों पर वर्तमान में कांग्रेस विधायक हैं, वहीं भाजपा के पास एक चौथाई सीट हैं। कुछ सीटें अन्य दलों के पास हैं। यही वजह है कि परियोजना जमीं की उर्वरा के साथ सियासी फसल के लिए भी अहम है। योजना के जरिए इन जिलों के 3 करोड़ से ज्यादा लोगों को पेयजल व सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाना है।
यों पानी पहुंचेगा
इस प्रोजेक्ट से मानसून के दौरान कुन्नू, कुल, पार्वती, कालीसिंध, मेज नदी बेसिनों के अधिशेष पानी को बनास, मोरेल, बाणगंगा, पार्बती, कालीसिंध व गंभीर नदी बेसिनों में पहुंचाया जाना है।
योजना की 7 साल पहले हुई थी घोषणा
ईस्टर्न राजस्थान कैनाल योजना की घोषणा 2017-2018 के बजट में राज्य की तत्कालीन भाजपा सरकार ने की थी। सरकार ने केंद्र सरकार को ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के लिए प्रस्ताव भेजा था। यह परियोजना करीब 40 हजार करोड़ लागत की है।