कांग्रेस ने सोशल इंजीनियरिंग के चलते रावत को बानसूर से फिर से टिकट देना उचित समझा है। रावत गत दो दशक से ज्यादा समय से कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय रही हैं। गुर्जर बहुल बानसूर क्षेत्र में रावत की दावेदारी शुरू से प्रबल रही। यही कारण है कि यहां से टिकट मांगने वालों की कतार ज्यादा लंबी नहीं थी।
टिकट मिलते ही पहली बात लगातार तीसरी बार पार्टी ने मुझ पर विश्वास जताया है। इसके लिए संगठन का शुक्रिया। जितना मैं समझती हूं। मुझे पार्टी ने जनता के बीच में और विधानसभा में रहकर जनता की आवाज उठाने के लिए वापस मौका दिया है। मैं लगातार पांच साल तक बानसूर की जनता के सुख दुख में पहुंची। इसके अलावा विधानसभा में बानसूर के हक की लड़ाई लडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ी। लड़ाई लडी तभी मेरे समय में बानसूर में सरकारी कॉलेज मिला है। गैर आबादी कनेक्शन व हक त्याग के लिए विधानसभा में पूरी आवाज उठाई।
प्रत्याशी का ‘आधार’ आमदनी: परिवार की आय पर आश्रित सोशल मीडिया: फेसबुक पर सक्रिय। पहचान: महिला कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष रहते कई आंदोलनों में सक्रिय रही अनुभव: महिला कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, विधायक समेत कई अन्य पदों पर रह चुकी हैं।
कोर टीम: कांग्रेस कार्यकर्ता अक्सर कहां मिलते हैं: कर्मचारी कॉलोनी स्थित निवास या बानसूर क्षेत्र