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तीन दिन बाद अलवर में फिर मिला कोरोना पॉजिटिव

locationअलवरPublished: Apr 07, 2020 10:36:50 pm

Submitted by:

Pradeep

अब तक छह पॉजिटिव, खोहरा पीपली गांव को किया सील2 माह 25 दिन पहले से आया जमाती किशनगढ़बास क्षेत्र के खोहरा पीपली गांव में रुके हुए थे जमाती

तीन दिन बाद अलवर में फिर मिला कोरोना पॉजिटिव

तीन दिन बाद अलवर में फिर मिला कोरोना पॉजिटिव

अलवर/किशनगढ़बास. दो माह 25 दिन पहले पश्चिमी बंगाल से दिल्ली होते हुए अलवर के किशनगढ़बास के खोहरा पीपली पहुंचे एक जमाती की मंगलवार को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट मिली है। यह जिले में मिला छठा कोरोना संक्रमित मरीज है। जिसके बाद गांव में कफ्र्य लगा दिया है। चिकित्सा विभाग की टीम ने घर-घर सर्वे किया। संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आए गांव के करीब 25 संदिग्ध जनों को सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया है, ताकि उनकी भी जांच हो सके। किशनगढ़बास क्षेत्र के गांव में आने के बाद ये सभी लोग दो अलग-अलग जगहों पर रुके हुए थे। इससे यह कहा जा सकता है कि कोई संक्रमित व्यक्ति इनके सम्पर्क में आया है, जिससे इनको संक्रमण हुआ है। या फिर ये लोग बीच में कहीं आते-जाते रहे हंैं। यह संक्रमित व्यक्ति दृष्टि बाधित भी बताया गया है।
15 जने आए दिल्ली के निजामुद्दीन से
प्रशासन को खोहरा पीपली में जमाती होने की सूचना 4 अप्रेल को मिली थी। इसके बाद इस गांव से 15 जमातियों को अलवर में क्वारंटाइन हाउस लाया गया। सभी की जांच के लिए सैंपल भेजे गए। जानकारी के अनुसार 15 में से एक ही जमाती कोरोना संक्रमित मिला है, जिसे तुरंत सामान्य अस्पताल से जयपुर एसएमएस भेज दिया गया। इसके अलावा अन्य जमातियों को क्वारंटाइन हाउस में रखा गया है। जिनकी रिपोर्ट आ गई उनको भी डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के अनुसार आवश्यक समयावधि तक आइसोलेशन में रखा जाएगा, ताकि किसी अन्य व्यक्ति में कोरोना हुआ तो पता चल सके। जिले भर से आए अन्य सभी कोरोना संदिग्धों को आइसोलेशन सेन्टर में ही रखा हुआ है।
गांव के रास्ते सील
जमाती कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर उपखण्ड किशनगढ़बास प्रशासन, मेडिकल टीम तथा पुलिस जाप्ता गांव पहुंचा। प्रशासन ने गांव के सभी रास्तों को सील कर आने जाने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया। गांव खोहरा पीपली में मेडिकल टीम ने 78 घरों के 548 लोगों की स्क्रीनिंग की है। जिनमें से 7 लोगों को कोरोना संक्रमण संदिग्ध मानते हुए जिला अस्पताल अलवर भेजा गया है। इस मौके पर एसडीएम सीएल शर्मा, पुलिस उपाधीक्षक वूत किशनगढ़ बास ताराचंद चौधरी, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ओम शंकर शर्मा, पुलिस अधिकारी अजीत सिंह, दारा सिंह सहित काफी संख्या में अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।
किशनगढ़बास में 63 जमाती मिले थे
किशनगढ़बास ब्लॉक में दिल्ली की निजामुद्दीन से आए कुल 63 लोग शेखपुर, निभेडा, सांथलका मिल चुके हंैं। जिन्हें प्रशासन ने क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती कराया गया । उसके बाद अब खोहरा पीपली के 15 जमातियों को अलवर चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। अधिकतर की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है। इनमें से शेखपुर में ठहरे जमाती की पहले रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है।
अब तक ये छह पॉजिटिव
जिले में पहला मरीज बहरोड़ के मिलकपुर में, दूसरा कठूमर में, तीसरा व चौथा कठूमर -खेरली से। पांचवां शेखपुर से जमाती और अब छठा किशनगढ़बास के खोहरा पीपली से कोरोना संक्रमित मरीज मिला है। जिसमें कठूमर के बुजुर्ग संक्रमित की मौत हो चुकी है। पांचों संक्रमितों का जयपुर में इलाज जारी है।
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कोरोना की मार से बदल गए रोजगार
मुण्डावर. कोरोना वायरस के प्रहार से बचने की खातिर लगे लॉक डाउन के कारण जहां चहुंओर उद्योग-धंधे ठप हो गए हैं, वहीं इसका सबसे ज्यादा असर उन कामगारों पर पड़ा है, जो मेहनत मजदूरी कर परिवार को चलाते हैं। कई दिनों से रोजगार नहीं मिलने से ऐसे लोग आथिज़्क रूप से त्रस्त हो गए हैं।
मजदूरों की कोरोना की मार से लगे लॉक डाउन से कमर टूट गई है। ऐसे में उनके समक्ष परिवार का पेट पालना भी मुश्किलभरा हो गया। ऐसे एक नहीं अनेक श्रमिक हैं, जो मजदूरी, दुकानों के सहारे रोजी-रोटी पाते थे, लेकिन पिछले करीब एक पखवाड़े से शहर में दुकानों के बंद होने से इनका रोजगार भी बंद हो गया है। इससे ये ना केवल ठाले हो गए, बल्कि उनके समक्ष परिवार का पेट पालना भी मुश्किल भरा हो गया। ऐसे में उन्होंने रोजगार ही बदल डाला है।
जबकि अब तो आगामी दिनों में अक्षय तृतीया, पीपल पूणिज़्मा के अबूझ सावों सहित अन्य सावे थे, जिससे रोजगार अधिक होने की उम्मीद थी। ऐसे ही लोगों से जब चचाज़् की तो वे बोले कि बिना रोजगार हमारी कमर टूट गई। ऐसे में अब सब्जी का ठेला लगाकर कुछ कमा रहे हैं।
तिनकीरुडी निवासी कुलवंत मेहता इन दिनों आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के गली-मोहल्लों में पिकअप गाड़ी से सब्जी बेचकर रोजगार पा रहे हैं। एक पखवाड़े पहले तक मुण्डावर कस्बे के मुख्य बाजार में रेडीमेड कपड़े की दुकान करता था, लेकिन अब कोरोना के कहर ने उन्हें गली-गली में सब्जी बेचने को मजबूर कर दिया है। इसे लेकर कुलवंत मेहता कहते हैं कि कई दिनों से दुकान बंद थी व रोजगार नहीं मिल रहा। अब परिवार को पालने के लिए पिछले 7-8 दिन से सब्जी बेचने का कायज़् शुरू किया है।
फोटो स्टूडियो का काम करता था, अब बेच रहा सब्जी
कोरोना महामारी व लॉक डाउन के चलते शादियां रद्द हो गई है, जिससे फोटो स्टूडियो संचालक रमेश तनवानी के पास रोजगार नहीं था, कई दिन के इंतजार के बाद आखिर परेशानी बढ़ी तो उसने भी चार-पांच दिन पहले से सब्जी बेचने का काम शुरू किया है। धमज़्सिंह के अनुसार वह सब्जी बेचकर रोजाना 200-300 रुपए कमा लेता है, वह कहता है कि परिवार के गुजारे के लिए कुछ तो करना पड़ेगा।
ठेली चलाकर बेचता था गुटखा व तम्बाकू उत्पाद, अब बेच रहा सब्जी।
मुण्डावर कस्बा निवासी जवाहर सिंधी व मनोज तनवानी भी कस्बे के बाजार व गली मोहल्लों में सब्जी का ठेले पर सब्जी बेचते नजर आए। जवाहर व मनोज के अनुसार वो दोनों बस स्टैंड मुण्डावर पर ठेली लगाकर गुटखा, तम्बाकू उत्पाद आदि बेचते थे अब सब्जी का ठेला लगाकर जैसे-तैसे परिवार का गुजारा कर रहे हैं।
फोटो :- एमडी 0804 सीबी:- ठेले पर सब्जी बेचते हुए।
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