यहां हर काम करने का सुविधा शुल्क रीको कार्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर है। बिना रिश्वत के फाइलें आगे बढऩा बंद हो गई। कई कर्मचारियों की पहले भी शिकायत होने के बावजूद हालात नहीं सुधरे। रीको अलवर व थानागाजी के उद्यमियों ने बताया कि रीको कार्यालय में प्रवेश करते ही उद्यमी असहज मसहूस करते हैं। कर्मचारी अनावश्यक रिकवरी निकाल देते हैं। फिर उनको कम करने के नामपर वसूली करते हैं। कई तरह के आदेश-निर्देश को सार्वजनिक नहीं करते, जिससे उद्यमियों को पता नहीं चलता। इसकी आड़ में मोटी रिकवरी निकाल उसे कम करने के नाम पर वसूली का खेल होता है।
भूखण्ड बेचने, नाम परिवर्तन में वसूली उद्यमियों ने बताया कि भूखण्ड के नाम परिवर्तन कराने में लम्बा समय लेते हैं। पिछले रिकॉर्ड के अनुसार रिकवरी निकालते हैं। बीच में कोई छूट के आदेश भी आते हैं तो उसे दबा लेते हैं। थानागाजी के एक उद्यमी ने बताया कि थानागाजी का एक भूखण्ड का पंजीकरण देरी से कराया है, जिसकी रिकवरी इतनी अधिक निकाल दी कि वहन करने से बाहर हो गई। जब कर्मचारियों से बात की तो कुछ करने का आश्वासन दिया। लेकिन, फिर भी काम नहीं करते। नाम परिवर्तन कराने की फाइलें रोक कर बैठ जाते हैं। इसके अलावा कई तरह का जुर्माना लगाने के बाद राशि में कटौती करने के नाम पर मनमर्जी होती है।
60 हजार का ड्यू 10 हजार में माने कुछ दिन पहले थानागाजी के एक भूखण्ड की 60 हजार रुपए की रिकवरी निकाल दी। जब उद्यमी बार-बार रीको कार्यालय के चक्कर काटने लगा तो आखिर में संशोधन कर 10 हजार रुपए रिकवरी निकाली। इसी तरह अधिकतर फाइलों में घालमेल है। चालू करने पर शुल्क व जुर्माने का भार जोड़ देते हैं।