अलवर आगार में पांच माह पहले करीब 35 नई गाडिय़ां आई। लॉक डाउन के दौरान रूटों पर संचालन कम होने के कारण काफी बसें आगार की वर्कशॉप में ही खड़ी रही। इसी दौरान डिपो के कुछ अधिकारी और कर्मचारियों ने मिलीभगत कर करीब दो दर्जन नई गाडिय़ों में से स्टार्ट करने वाले सेल्फ तथा सेल्फ को बेटरी से जोडऩे वाली लीड चोरी हो गई। जिसके कारण इन नई गाडिय़ों की स्थिति धक्का स्टार्ट हो गई। इस भ्रष्टाचार की परतें खुलने के बाद भी रोडवेज अधिकारी मामले को दबाने के प्रयास में जुटे हैं।
मुख्यालय तक पहुंची शिकायत अलवर आगार की वर्कशॉप में चल रहे भ्रष्टाचार की शिकायत रोडवेज मुख्यालय तक पहुंच चुकी है। वर्कशॉप में खड़ी गाडिय़ों के सेल्फ और लीड गायब होने के मामले में पिछले दिनों ही जयपुर मुख्यालय से अधिकारी जांच के लिए आए थे। वे अपनी जांच कर ले गए हैं, लेकिन अभी जांच रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
खाल बचाने के लिए कराई एफआईआर अलवर आगार की वर्कशॉप में चल रहे भ्रष्टाचार का जयपुर मुख्यालय तक हल्ला मचने के बाद स्थानीय अधिकारियों ने अपनी खाल बचाने के लिए शहर कोतवाली थाने में एफआइआर दर्ज कराई है, लेकिन ये एफआइआर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ है।
करीब तीन लाख का सामान चोरी अलवर आगार की वर्कशॉप में खड़ी करीब दो दर्जन गाडिय़ों से सेल्फ और लीड चोरी हुई है। एक सेल्फ की कीमत करीब 10 हजार रुपए तथा एक लीड की कीमत करीब ढाई हजार रुपए है। इस हिसाब से रोडवेज में करीब तीन लाख रुपए के भ्रष्टाचार की परतें खुली हैं।
जांच की जा रही है
डिपो की वर्कशॉप में खड़ी गाडिय़ों से सेल्फ और लीड चोरी होने के मामले में शहर कोतवाली थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। इस सम्बन्ध में विभागीय स्तर पर भी जांच की जा रही है।
– नीशू कटारा, मुख्य प्रबंधक, अलवर आगार।