पुलिस ने बताया कि तेजसिंह के पिता ने सोमवार को कोर्ट परिसर में आत्मदाह की चेतावनी दी थी। इस पर कोर्ट परिसर में पुलिस तैनात की गई। सुबह करीब 11.30 बजे अकेले सतीश यादव एक बाइक पर कलक्ट्रेट पहुंचा। कलक्ट्रेट गेट पर बाइक को खड़ी कर वह पुलिस को चकमा देकर कोर्ट परिसर पहुंच गया। जहां पहले से तैनात पुलिसकर्मियों ने उसे पहचान लिया। पुलिस ने उसे पकड़ तलाशी ली तो उसके पास आपत्तिजनक कुछ नहीं मिला। इस पर पुलिस की जान में जान आई और पुलिस उसे गाड़ी में बिठा सामान्य अस्पताल लेकर आई। जहां उसका मेडिकल कराया गया। बाद में उसे शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर तहसीलदार के समक्ष पेश किया गया। जहां से उसे जमानत पर छोड़ा गया।
पुलिस से धक्का-मुक्की का किया प्रयास कोर्ट परिसर में सतीश ने पुलिस से छूटने की भी कोशिश की, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे भलीभांति जकड़ लिया। इस दौरान वहां पहले से मौजूद कुछ ग्रामीणों ने पुलिस से धक्का-मुक्की कर सतीश को छुड़ाने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस सतीश को गाड़ी में बिठा अस्पताल ले आई। गौरतलब है कि 20 दिसम्बर को मंत्री भड़ाना के बेटे सुरेन्द्र, धीरेन्द्र सहित उसके करीब एक दर्जन साथियों ने शिवाजी पार्क में किराए पर रहने वाले डहरा-शाहपुर के युवक तेजसिंह यादव का अपहरण कर लिया और घर के सामने एक बाडे में बने कमरे में बंधक बना मारपीट की। मारपीट में घायल तेजसिंह का एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था।
पुलिस कर रही इशारे पर काम पुलिस के गिरफ्तार करने के दौरान सतीश बार-बार मरने की जिद करता रहा। उसका कहना था कि वह अपने बेटे को न्याय नहीं दिला सका। एेसे में उसके जीने का कोई फायदा नहीं है। उसने आरोप लगाया कि पुलिस मंत्री के इशारे पर काम कर रही है। एेसे में उसे न्याय नहीं मिल सकता। इस स्थिति में उसका मर जाना ही बेहतर है। उसने बताया कि पुलिस ने उसके, उसके बेटे सहित किराएदारों के बयान ले लिए। इसके बाद भी पुलिस आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। यदि यही वारदात किसी और ने की होती, तो पुलिस उसे कब का गिरफ्तार कर चुकी होती।
अब उच्च अधिकारियों लगाएंगे गुहार सतीश ने बताया कि उसे थाने से न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है। अब वह मामले में जिला पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाएगा। इसके बाद भी बात नहीं बनी तो मुख्यमंत्री व डीजीपी से गुहार लगाई जाएगी।