अलवर

जनता के 16 करोड़ का घोटाला करने वालों को जमानत नहीं, जानिए क्या है मामला

अलवर अरबन को-ऑपरेटिव बैंक में सामने आए 16 करोड़ रुपए के घोटाले के 11 आरोपितों की गुरुवार को हाईकोर्ट जयपुर में जमानत याचिका खारिज

अलवरDec 08, 2017 / 11:27 am

Dharmendra Yadav

नोटबंदी के बाद अलवर अरबन को-ऑपरेटिव बैंक में सामने आए 16 करोड़ रुपए के घोटाले के 11 आरोपितों की गुरुवार को हाईकोर्ट जयपुर में जमानत याचिका खारिज हो गई। चार आरोपितों ने जमानत याचिका लगाई ही नहीं। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि पहले पैसा जमा कराओ, उसके बाद जमानत की सोचना। यह कहकर सबकी जमानत खारिज कर दी।

उल्लेखनीय है कि शहर में बस स्टैण्ड के निकट स्थित अलवर अरबन को-ऑपरेटिव बैंक में 16 करोड़ रुपए का घोटाला नवम्बर 2016 में सामने आया था। नोटबंदी के दौरान इस घोटाले की देश भर में चर्चा रही। स्थानीय पुलिस से लेकर, एसओजी, ईडी, सीबीआई, सीआईडी, रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया व सहकारिता विभाग सहित कई एजेंसियों ने मामले की जांच की। अधिकतर जांच में बैंक संचालक मण्डल पर अंगुलियां उठी।
सभी आरोपित फिलहाल जेल में हैं। जमानत के लिए जयपुर सिंगल बैंच में याचिका लगाई गई। सभी 11 जनों की याचिका न्यायाधीश पंकज भण्डारी ने खारिज कर दी। इसके साथ स्पष्ट आदेश दिया कि पहले गरीब जनता के खून पसीने की कमाई का पैसा जमा कराओ। बैंक व सरकार की ओर से अधिवक्ता सुरेश कुमार सैनी ने बताया कि जनता का 16 करोड़ रुपया बैंक से निकाल कर निजी कार्यों में काम ले लिया। आमजन धक्के खा रहे हैं। उनके खून पसीने की कमाई के पैसे का घोटाला कर गए। इस बारे में पूरी दलील रखी गई। इसके बाद सभी 11 आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी है, जिसमें प्रमुख रूप से अभिषेक जोशी, मृदुल, ओमप्रकाश सहित संचालक मण्डल के सदस्य व अन्य लोग शामिल हैं।
विशेष परिस्थिति में ही मिल रहा पैसा

अलवर अबरन को-ऑपरेटिव बैंक घाटाले के कारण करीब 8 हजार उपभोक्ताओं को पैसे के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं। पहले तो छह माह में एक हजार रुपए ही निकाले गए। अब बीमारी, शादी जैसी विशेष परिस्थिति में ग्राहकों को कुछ पैसा जारी किया है। बैंक अधिकारी बी. राम का कहना है कि आमजन को पैसा उन तक पहुंचाने के पूरे प्रयास हो रहे हैं। ऋण का पैसा जमा करके ग्राहकों को उनका पैसा रिर्टन किया जा रहा है।

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