पूरे मामले में सवाल सिर्फ यही नहीं कि वाहन में आए लोग गोतस्कर थे अथवा नहीं। सवाल यह है कि सघन नाकाबंदी के बावजूद ये वाहन पुलिस की पकड़ में कैसे नहीं आया। जबकि वाहन शहर की सडक़ों पर करीब डेढ़ घंटे तक दौड़ता रहा और उससे पहले पुलिस को सूचना मिल चुकी थी।
पहले भी यहां हो चुकी है वारदात
स्कीम दो स्थित जुबलीबास क्षेत्र में करीब एक सप्ताह पहले भी गोवंश ले जाने की घटना हो चुकी है। तब भी गोतस्कर एक गाड़ी में सवार होकर आए। जब जुबलीबास क्षेत्र के एक व्यक्ति ने इन्हें रोकने व शोर मचाने का प्रयास किया, तो उन्होंने उस पर देसी कट्टा तान दिया। गोतस्करों की मौजूदगी की दोनों वारदातों की धुधली तस्वीर यहां स्थित एक निजी हॉस्पिटल के सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई हैं। करीब 12 दिन पहले वार्ड 47 स्थित फैमिली लाइन मोहल्ले से एक घर के बाहर बंधे गोवंश को भी गोतस्कर खोल ले गए।
गोतस्कर नहीं तो आखिर ये हैं कौन?
शहर में सोमवार देर रात स्कीम दो जुबलीबास क्षेत्र में गोतस्करों की उपस्थिति को पुलिस नकार रही है। पुलिस की बात को यदि सच भी मान लें तो सवाल यह है कि ये लोग गोतस्कर नहीं तो आखिर कौन थे? जो रात्रि में वाहन लेकर शहर में घूम लोगों में दहशत फैलाते रहे। कहीं यह किसी की सोची समझी साजिश तो नहीं है? आखिर सच्चाई क्या है? यह तो पुलिस जांच में ही सामने आ सकता है, लेकिन इतना जरूर है कि एेसी घटनाओं से शहर का माहौल खराब हो रहा है और लोगों में असुरक्षा की भावना आ रही है।
अब सभी थाना प्रभारी करेंगे गस्त गोतस्करी सहित आपराधिक वारदातों में बढ़ोतरी के बाद पुलिस ने शहर की नाकाबंदी व गश्त व्यवस्था को और मजबूत कर दिया है। अब सभी थाना प्रभारी शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक अपने-अपने क्षेत्र में नाकाबंदी करेंगे। उनके साथ छह-छह क्यूआरटी के हथियारबंद जवान भी लगाए गए हैं। इस दौरान शराब पीकर वाहन चलाने वाले, बिना कागजात व सीट बैल्ट का प्रयोग, तेज गति से वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्याम सिंह ने बताया कि अपराधों की रोकथाम को लेकर शहर की नाकाबंदी व्यवस्था को मजबूत किया गया है। शहर में कुछ नए नाके भी बनाए गए हैं। जिन पर जांच के बाद ही वाहन चालकों को जाने दिया जाएगा।