सस्ता व आसानी से उपलब्ध
गोतस्करी के लिए गोतस्करों की ओर से गोवंश को लगाए जाने वाला यह इंजेक्शन व दवा काफी सस्ती है। करीब 30 एमएल दवा से दस पशुओं को दो से तीन घंटे के लिए आसानी से सुन्न किया जा सकता है। खास बात ये है कि यह दवा मेडिकल स्टोरों पर आसानी से उपलब्ध है।
ज्यादा दवा से हो सकती है मौत चिकित्सकों के अनुसार इस दवा का इस्तेमाल ज्यादातर ऑपरेशन के दौरान सर्जन करते हैं। दवा से मरीज के शरीर का कुछ हिस्सा आधा-पौना घंटे के लिए सुन्न हो जाता है। इसके लिए दवा की एक निश्चित मात्रा दी जाती है। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. केके शर्मा के अनुसार गोतस्करों से बरामद दवा बेहद खतरनाक है। इसमें लिग्नोकेन के साथ-साथ एड्रीनलिन भी मिला हुआ है। इस दवा की एक निश्चित मात्रा से 3 से 4 घंटे के लिए किसी को सुन्न किया जा सकता है। पशुओं के इस दवा का इंजेक्शन लगाने से उनका रंभाना बंद हो जाता है। खास बात ये है कि खाल की जगह नस में इस दवा के जाने एवं दवा की अधिक मात्रा से पशु की मौत भी हो सकती है।
पूरा नेटवर्क करता है काम गोतस्करी में एक-दो लोग नहीं बल्कि गोतस्करों का पूरा का पूरा नेटवर्क काम करता है। गोतस्करी के लिए ये तेज गति से गाड़ी चलाने वाला चालक भी लेकर चलते हैं। जो कच्चे-पक्के रास्तों पर गाड़ी चलाने का अभ्यस्त हो। इतना ही नहीं गोवंश को इकट्ठा करने के लिए इनके लोग पहले से तैनात रहते हैं। जो गोवंश को इकट्ठा कर इसकी सूचना अपने साथियों को देते हैं। इसके बाद उनके साथी आते हैं और गोवंश को इंजेक्शन लगा गाड़ी में भरकर ले जाते हैं। पुलिस पूछताछ में गोतस्करों ने बताया कि वे गोवंश को इकट्ठा करने वालों को भी पैसे देते हैं।