अलवर में रक्तदान के प्रति भ्रांतिया वर्तमान समाज में अभी भी बरकरार है। रक्तदान की इन्हीं भ्रांतियों के बीच एक यह अच्छी खबर हैं कि अलवर जिले में कई महिलाएं रक्तदान कर लोगों का जीवन बचा रही हैं। ऐसी ही एक घरेलू महिला कंचन शर्मा हैं। ये अब तक एक दर्जन से अधिक बार रक्तदान कर चुकी हैं। इस बारे में कंचन शर्मा ने बताया कि वे अपने आपको गौरान्वित महसूस करती हैं कि जब वे रक्तदान करती हैं
महिलाएं रक्तदान नहीं करती है , क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसा करने से शरीर में कमजोरी व थकावट आ जाएगी। महिलाओं की यह सोच बहुत गलत है। मैं अब तक 14 बार रक्तदान कर चुकी हूं। इसके बाद भी आज तक कोई परेशानी नहीं आई।
कंचन का कहना है कि मुझे वह दिन बहुत अच्छी तरह से याद है जब एक दिन एक महिला ने एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया और उसके शरीर में खून की कमी हो गई । हॉस्पिटल में उसके ग्रुप का बल्ड नहीं मिला। रोते हुए मां बाप की हालत मुझसे देखी नहीं गई और मैेंने तुरंत अपना रक्त देने की निश्चय किया। यदि समय पर खून नहीं मिलता तो वह मर ही जाती । इस घटना के बाद से मैंने रक्तदान करने का निर्णय किया। कंचन का कहना है कि सभी महिलाओं को रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान से हमारे शरीर में नई एनर्जी आती है। संत निरंकारी मिशन से जुडऩे के बाद ही मेरे मन में रक्तदान करने जैसे विचार आने लगे हैं। मैं कोशिश करती हंूू कि महिलाओं व बेटियों को अपना रक्त दूं। जिससे की मुझसे प्रेरित होकर वो भी रक्तदान करें। रक्तदान करने वाली संस्थाएं भी मेरी संपर्क में रहती है।
महिलाएं रक्तदान नहीं करती है , क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसा करने से शरीर में कमजोरी व थकावट आ जाएगी। महिलाओं की यह सोच बहुत गलत है। मैं अब तक 14 बार रक्तदान कर चुकी हूं। इसके बाद भी आज तक कोई परेशानी नहीं आई।
कंचन का कहना है कि मुझे वह दिन बहुत अच्छी तरह से याद है जब एक दिन एक महिला ने एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया और उसके शरीर में खून की कमी हो गई । हॉस्पिटल में उसके ग्रुप का बल्ड नहीं मिला। रोते हुए मां बाप की हालत मुझसे देखी नहीं गई और मैेंने तुरंत अपना रक्त देने की निश्चय किया। यदि समय पर खून नहीं मिलता तो वह मर ही जाती । इस घटना के बाद से मैंने रक्तदान करने का निर्णय किया। कंचन का कहना है कि सभी महिलाओं को रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान से हमारे शरीर में नई एनर्जी आती है। संत निरंकारी मिशन से जुडऩे के बाद ही मेरे मन में रक्तदान करने जैसे विचार आने लगे हैं। मैं कोशिश करती हंूू कि महिलाओं व बेटियों को अपना रक्त दूं। जिससे की मुझसे प्रेरित होकर वो भी रक्तदान करें। रक्तदान करने वाली संस्थाएं भी मेरी संपर्क में रहती है।