जिला मुख्यालय स्थित सामान्य चिकित्सालय में अधिकतर वार्ड फुल हो गए हैं। शहर के करीब दो दर्जन से ज्यादा निजी अस्पतालों में भी डेंगू के अनेक मरीज भर्ती हैं। इधर, निजी अस्पतालों में डेंगू के नाम लूट मची हुई है। सामान्य वायरल के लक्षण नजर आने पर भी मरीजों पर डेंगू जांच करवाने के दबाव बनाया जा रहा है। एक मरीज से डेंगू की जंाच के नाम पर करीब 800 से 900 रुपए वसूले जा रहे हैं।
तिब्बती भी आए चपेट में इधर, कंपनी बाग के समीप तिब्बती बाजार लगाने वाले तिब्बतियों पर भी डेंगू का खतरा मंडरा रहा है। पिछले दिनों तीन तिब्बतियों को प्लेटलेट्स कम होने पर स्कीम नंबर एक स्थित निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। तिब्बती यूनियन अध्यक्ष ने बताया कि डेंगू के लक्षण नजर आने पर एक दम्पती को निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। एक अन्य में डेंगू के लक्षण नजर आए तो उसे भी भर्ती कराया।
आगर गांव में डेंगू के तीन रोगी मिले प्रतापगढ़. आगर गांव में डेंगू के तीन और मरीज पाए गए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार आगर निवासी गौरीशंकर सोमवंशी की पुत्री आरती सोमवंशी की जांच रिपोर्ट में डेंगू की पुष्टि हुई है। वहीं कन्हैया गुर्जर के पुत्र रवि गुर्जर एंव रतन गुर्जर के पुत्र परमानंद गुर्जर की जांच रिपोर्ट में भी डेंगू की पुष्टि हुई है। डेंगू के तीनों रोगियों का थानागाजी के सीएचसी में उपचार चल रहा है।
पिछले साल से बेहतर है हालात पिछले साल जनवरी से अक्टूबर तक 370 मामले सामने आए थे जबकि इस साल अभी तक 187 मामले ही मिले हैं। डेंगू की जांच के लिए एलाइजा टेस्ट होता है जो केवल सरकारी अस्पताल में ही उपलब्ध है। निजी चिकित्सक मरीजों को गुमराह कर रहे हैं। मच्छरों के लार्वा से ही डेंगू के मच्छर पनपते हैं। प्लेटलेट्स कम होने से डेंगू नहीं होता है। वायरल में भी प्लेटलेट्स कम हो जाती है। रक्त की जांच में तिब्बतियों में डेंगू के लक्षण नहीं मिले।
डाक्टर ओपी मीणा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अलवर।
डाक्टर ओपी मीणा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अलवर।