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1166 शिक्षा अधिकारियों को नहीं मिला पदस्थापन

locationबीकानेरPublished: Dec 10, 2016 11:09:00 am

कोर्ट आदेशों के बाद भी विभाग की नहीं टूट रही नींद….

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माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जिस जोर शोर से संस्था प्रधानों व शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए वर्ष 2016-17 तक की डीपीसी व रिव्यू रिवीजन सूची से पदस्थापन देने की प्रक्रिया शुरू की, लगता है वो सिरे ढंग से नहींचढ़ सकी। 
 तभी तो अभी भी 1166 शिक्षा अधिकारी काउंसलिंग में स्थान तय होने जाने के बाद भी अपने पदस्थापन आदेशों का इंतजार कर रहे हैं। विभाग ने विभिन्न पदों की डीपीसी व रिव्यू रिवीजन सूची के लिए जो वरिष्ठता सूचियां तैयार की 
उनमें कई वरिष्ठ शिक्षकों को छोड़ दिया गया जिससे डीपीसी व रिव्यू रिवीजन सूची मंे आने से वंचित रहे शिक्षकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसकी वजह से करीब 1166 प्रधानाचार्यो व व्याख्याताओं को काउंसलिंग में स्थान आंवटित किए जाने के बावजूद भी पदस्थापन नहीं मिल सके। 
व्याख्याताओं के मामले में कोर्ट ने छूटे शिक्षकों को भी शामिल करने के निर्देश दिए तो प्रधानाचार्यो के मामले में नियमानुसार 33 प्रतिशत पद माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के लिए सुरक्षित रखने के निर्देश दिए।
 लेकिन विभाग इन प्रकरणों का निस्तारण अभी तक नहीं कर सका है जिसके कारण मई 2016 से 579 प्रधानाचार्यों व 31 अगस्त 2016 से 587 राजनीति विज्ञान व इतिहास विषय के व्याख्याताओं के 

 काउंसलिंग में पदस्थापन तय होने के बाद भी आदेश जारी नहीं हो सकें हैं क्योकि विभाग कोर्ट के आदेशों की पालना सुनिश्चित करने की कार्यवाही अभी तक भी पूरी नहीं कर सका है।
राजनीति व इतिहास के व्याख्याताओं को भी इंतजार

विभाग ने राजनीति विज्ञान व इतिहास के रिक्त पदों को भरने के लिए अगस्त 2016 में करीब 1785 पदों पर रिव्यू रिवीजन सूची के व्याख्याताओं की काउंसलिंग की जिसमें से इन विषयों के करीब 1198 व्याख्याताओं के पदस्थापन आदेश जारी कर दिए गए 
लेकिन इस सूची के 228 राजनीति विज्ञान के व 359 इतिहास के व्याख्याताओं की काउंसलिंग में स्थान तय होने के बाद भी पदस्थापन आदेश जारी नहंी किए जा सके। हाईकोर्ट मे दायर याचिका में वरिष्ठ शिक्षकों को छोड़कर, 
कनिष्ठ को काउंसलिंग में बुलाने को चुनौति दी गई जिस पर कोर्ट ने वरिष्ठता से सभी को काउसंलिंग में बुलाने के आदेश 17 अक्टूबर को दिए लेकिन विभाग अब तक भी आर आर सूची में छूटे अभ्यर्थियों की रिव्यू डीपीसी नहीं करा सका है 
जिसके कारण 587 व्याख्याता स्थान चयन के बाद भी अपने पदस्थापन आदेशों का इंतजार कर रहे है।

रिव्यू डीपीसी की तैयारी 

विभाग द्वारा रिव्यू डीपीसी की तैयारियां की जा रही है । लोक सेवा आयोग से रिव्यू डीपीसी की तिथि तय होते ही छूटे अभ्यर्थियों की काउंसलिंग तय कर एक साथ पदस्थापन आदेश जारी कर दिए जाएंगे। 
विजयशंकर आचार्य, संयुक्त निदेशक कार्मिक, माध्यमिक शिक्षा, राजस्थान, बीकानेर

प्रधानाचार्यों के 579 पद लॉक पड़े हैं 

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने मई 2016 में 841 प्रधानाचार्यो की डीपीसी व रिव्यू एवं रिवीजन सूची के अभ्यर्थियों की काउंसलिंग कराई जिसमें 262 को प्रधानाचार्यो को तो पदस्थापन दे दिया गया
 लेकिन इन पदों पर व्याख्याताओं व प्रधानाध्यापको के अनुपात को लेकर मामला कोर्ट में जाने से शेष 579 पदों के पदस्थापन आदेश जारी नहीं हो सके। 

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि प्रधानाध्यापक कोटे के अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं होने के कारण मामला अटका हुआ है। सूत्रों ने बताया कि प्रधानाचार्य के पदों पर पदोन्नति के लिए तीन वर्ष का अनुभव जरूरी है 
लेकिन 33 निर्धारित कोटे के पदों पर प्रधानाध्यापक उपलब्ध नहीं होने के कारण व्याख्याताओ के कोटे से इन पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। हाईकोर्ट ने 33 प्रतिशत कोटे के पद सुरक्षित रखते हुए शेष पदों पर प्रधानाचार्यो की पदोन्नतियां देने के निर्देश दिए है
 लेकिन विभाग अब तक यह निर्धारित नहीं कर सका है। इसके अलावा विभाग ने सरकार को अनुभव में प्रधानाध्यापकों को एक साल की छूट देने के प्रस्ताव भेज रखे है लेकिन सरकार ने अब तक इन प्रस्तावों का अनुमोदन नहीं किया है जिसके कारण भी प्रधानाचार्यो को पदस्थापन देने का मामला लटका हुआ है।
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