प्रताड़ना बढ़ने के बावजूद पति को इसलिए माफ कर देती हैं महिलाएं!
अलवरPublished: Feb 24, 2020 02:44:45 am
अलवर . मोतीडूंगरी स्थित महिला सलाह एवं सुरक्षा केंद्र पर पिछले दो साल में करीब साढे पांच से सौ ज्यादा मामले महिलाओं की ओर से दर्ज कराए गए हैं। जबकि इससे पहले एक साल में 100 मामले भी दर्ज नहीं होते थे।
प्रताड़ना बढ़ने के बावजूद पति को इसलिए माफ कर देती हैं महिलाएं!
इसमें वर्ष 2018 के करीब 299 मामले हैं और शेष मामले मार्च 2019 से अभी तक के हैं। कहने को महिलाएं सशक्त हो रही है, शिक्षित हो रही है, हक व कानून के लिए लड़ रही है। लेकिन हकीकत यह है कि देश की आधी आबादी आज भी पुरुषों से प्रताडित हो रही है। भले ही पहले महिलाएं घर में बंद रहकर अत्याचार सहती थी आवाज नहीं उठा पाती थी, लेकिन अब महिलाओं में जागरूकता आई है। जिसकी वजह से वह विरोध के खिलाफ आवाज उठाने लगी है।
करीब 251 महिलाओं ने उत्पीडन से परेशान होकर केंद्र से सलाह मांगी। इन आंकडों की मानें तो एक साल में 365 दिनों में से केवल 66 दिन ही ऐसे हैं जो कोई महिला केंद्र पर सहायता मांगने ना पहुंची हो। शेष दिनों में यहां पर पुरुषो ंसे प्रताडित महिलाएं आती रहती है। केंद्र पर आने वाले सबसे ज्यादा मामले शारीरिक उत्पीडन के हैं। करीब 185 मामले इसके आए हैं। पारिवारिक विवाद के मामलों की संख्या भी 120 के लगभग है। शेष मामले घरेलू हिंसा, दहेज प्रताडना, भरण पोषण, यौन प्रताडना, शादी विवाह से जुडे हुए हैं।
महिलाएं प्रताडना से परेशान होने के बावजूद पुरुष पक्ष के प्रति कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करना चाहती। यही वजह है कि केंद्र पर आकर महिलाएं परिवार को बचाने की गुहार लगाती है। ऐसे में केंद्र पर आने वाले मामलों में महिलाओं व पुरुषों को बुलाकर समझाइश की जाती है। दोनों पक्षों की काउंसलिंग की जाती है और महिला व पुुरुष में समझौता करवाकर परिवार को फिर से बसाया जाता है। पिछले एक साल में करीब 113 परिवारों में गिले शिकवे दूर कर उनको फिर से बसाया गया।
महिलाएं पहले से ज्यादा जागरूक हुई है।पहले वो अपने हक की आवाज उठाने से डरती है उन्हें परिवार व समाज का डर सताता है। लेकिन अब स्थिति बदल रही है। पिछले दो साल में करीब 550 से ज्यादा मामले आ चुके हैं। जिसमें दोनों पक्षों को सुना जाता है उनमें समझाईश कराई जाती है। टूटते हुए परिवारों को बसाने की कोशिश की जाती है। मनीषा भान गंजू, मुख्य समन्वयक, महिला सलाह एवं सुरक्षा केंद्र अलवर।