कुआं की मुंडेर नीची, लोगों के गिरने का खतरा, कई बार हो चुके हादसे सतपाल यादवबहरोड़. क्षेत्र में हुए हादसों के बाद खुले कुएं को ढकने के लिए सरकार के आदेशों के बावजूद प्रशासन इस पर अमल नहीं कर रहा। कुओं और बोरवेलों में गिरने की कई घटनाएं हो गई। जिले में बोरबेल व बिना मुडेर के कुओं में गिरने से हुई बच्चों की मौत के बाद कोर्ट ने खुले हुए कुओं और बोरवेलों को ढकने के आदेश दिए थे। वहीं बंजर कुओं को बंद कराने के भी आदेश हैं। आदेशों का पालन कराने के लिए सरकार ने इस बारे में संबंधित अधिकारियों की भी नियुक्ति की है,पर कोई इसकी परवाह नहीं कर रहा है। हाल ऐेसे है कि कस्बे और आसपास के क्षेत्र में आज भी अनेक खुले कुएं हैं, जबकि ये किसी काम के नहीं हैं।वहीं कई बंजर कुएं भी मौत का मुंह लिए जैसे के तैसे ही स्थापित हैं। इनको बंद कराने की ओर प्रशासनिक अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। वर्षों से ये कुएं यूं ही खुले हुए हैं। इनमें अनेक बार पशु गिर भी चुके हैं। वहीं लोगों के गिरने का भी खतरा इनमें बना रहता है।कई बार पशु गिरकर हो चुके घायल : इन कुओं में अनेक बार पशु गिरकर घायल हो चुके हैं। जिसके बाद में लोगों ने बाहर निकाला और इलाज कराया। इसी प्रकार कस्बे में स्थित बावड़ी कुएं में पशु गिर चुके हैं। कुएं और बावडिय़ां हो गए जर्जरकस्बे व क्षेत्र में कई कुए व बावडिय़ा बनी हुई है। ऐसे में सैकड़ों कुएं यहां के पुराने मोहल्लों जैसे बहरोड़ कस्बा सहित आसपास के मे हैं। इन कुओं में से कई कुएं तो बंजर हो चुके हैं,वहीं कई कुओं में अभी भी पानी है। वहीं किसी भी कुएं को सुरक्षा की ²ष्टि से अभी तक प्रशासन ने कोई नहीं संभाला है। कस्बे में सब्जी मंडी के पास,खेल मैदान के पास,कचहरी के पीछे स्थित बावड़ी,गाँव बिजोरावास, काकरा, बर्डोद सहित अन्य जगहों पर खुले व जर्जर कुएं स्थित है। यहां पर लोगो का आना जाना भी रहता है।वहीं इसके आसपास बच्चे भी खेलते रहते हैं। जो कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं। ऐसे ही उपखंड क्षेत्र में कृषि कॉलोनियों में बसे क्षेत्र में भी कई कुएं खुले हुए हैं। किसी काम के नहीं हैं ये खुले कुएंकस्बे व गांवों में स्थित ये कुएं अब बंजर बराबर हैं। कई कुओं में पानी तो है, मगर वह पीने योग्य नहीं है। अधिकांश कुओं में खारा पानी है, वहीं यहां के भूजल में फ्लोराइड की मात्रा भी अधिक है। इस कारण कुओं का पानी पीने योग्य नहीं है। ऐसे में इन कुओं को अब बंद करा देना ही सही उपाय है।&कस्बा व क्षेत्र में आने वाले खुले कुओं की पहचान की जाएगी कि कौन सा बंजर हो गया है और कौन सा खुला हुआ है। इसके बाद बंजर कुएं को भर दिया जाएगा, वहीं खुले कुएं को ढका जाएगा।सचिन यादव, उपखंड अधिकारी बहरोड़ &कस्बे में कई जगह कुएं खुले हुए हैं। इनके आसपास बच्चे खेलते हैं। ऐसे में इनसे कोई भी हादसा हो सकता है। प्रशासन को इन कुओं को या तो बंद करना चाहिए या सुरक्षा दीवार बनाएं।मनोज यादव, बहरोड़&खुले हुए कुओं और बोरवेलों से कई हादसे हो चुके हैं। इससे कईजगह बच्चों की जान भी जा चुकी हैं। इस ओर ध्यान देना चाहिए।-विक्रम गराठी, बहरोड़
कुआं की मुंडेर नीची, लोगों के गिरने का खतरा, कई बार हो चुके हादसे सतपाल यादवबहरोड़. क्षेत्र में हुए हादसों के बाद खुले कुएं को ढकने के लिए सरकार के आदेशों के बावजूद प्रशासन इस पर अमल नहीं कर रहा। कुओं और बोरवेलों में गिरने की कई घटनाएं हो गई। जिले में बोरबेल व बिना मुडेर के कुओं में गिरने से हुई बच्चों की मौत के बाद कोर्ट ने खुले हुए कुओं और बोरवेलों को ढकने के आदेश दिए थे। वहीं बंजर कुओं को बंद कराने के भी आदेश हैं। आदेशों का पालन कराने के लिए सरकार ने इस बारे में संबंधित अधिकारियों की भी नियुक्ति की है,पर कोई इसकी परवाह नहीं कर रहा है। हाल ऐेसे है कि कस्बे और आसपास के क्षेत्र में आज भी अनेक खुले कुएं हैं, जबकि ये किसी काम के नहीं हैं।वहीं कई बंजर कुएं भी मौत का मुंह लिए जैसे के तैसे ही स्थापित हैं। इनको बंद कराने की ओर प्रशासनिक अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। वर्षों से ये कुएं यूं ही खुले हुए हैं। इनमें अनेक बार पशु गिर भी चुके हैं। वहीं लोगों के गिरने का भी खतरा इनमें बना रहता है।कई बार पशु गिरकर हो चुके घायल : इन कुओं में अनेक बार पशु गिरकर घायल हो चुके हैं। जिसके बाद में लोगों ने बाहर निकाला और इलाज कराया। इसी प्रकार कस्बे में स्थित बावड़ी कुएं में पशु गिर चुके हैं। कुएं और बावडिय़ां हो गए जर्जरकस्बे व क्षेत्र में कई कुए व बावडिय़ा बनी हुई है। ऐसे में सैकड़ों कुएं यहां के पुराने मोहल्लों जैसे बहरोड़ कस्बा सहित आसपास के मे हैं। इन कुओं में से कई कुएं तो बंजर हो चुके हैं,वहीं कई कुओं में अभी भी पानी है। वहीं किसी भी कुएं को सुरक्षा की ²ष्टि से अभी तक प्रशासन ने कोई नहीं संभाला है। कस्बे में सब्जी मंडी के पास,खेल मैदान के पास,कचहरी के पीछे स्थित बावड़ी,गाँव बिजोरावास, काकरा, बर्डोद सहित अन्य जगहों पर खुले व जर्जर कुएं स्थित है। यहां पर लोगो का आना जाना भी रहता है।वहीं इसके आसपास बच्चे भी खेलते रहते हैं। जो कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं। ऐसे ही उपखंड क्षेत्र में कृषि कॉलोनियों में बसे क्षेत्र में भी कई कुएं खुले हुए हैं। किसी काम के नहीं हैं ये खुले कुएंकस्बे व गांवों में स्थित ये कुएं अब बंजर बराबर हैं। कई कुओं में पानी तो है, मगर वह पीने योग्य नहीं है। अधिकांश कुओं में खारा पानी है, वहीं यहां के भूजल में फ्लोराइड की मात्रा भी अधिक है। इस कारण कुओं का पानी पीने योग्य नहीं है। ऐसे में इन कुओं को अब बंद करा देना ही सही उपाय है।&कस्बा व क्षेत्र में आने वाले खुले कुओं की पहचान की जाएगी कि कौन सा बंजर हो गया है और कौन सा खुला हुआ है। इसके बाद बंजर कुएं को भर दिया जाएगा, वहीं खुले कुएं को ढका जाएगा।सचिन यादव, उपखंड अधिकारी बहरोड़ &कस्बे में कई जगह कुएं खुले हुए हैं। इनके आसपास बच्चे खेलते हैं। ऐसे में इनसे कोई भी हादसा हो सकता है। प्रशासन को इन कुओं को या तो बंद करना चाहिए या सुरक्षा दीवार बनाएं।मनोज यादव, बहरोड़&खुले हुए कुओं और बोरवेलों से कई हादसे हो चुके हैं। इससे कईजगह बच्चों की जान भी जा चुकी हैं। इस ओर ध्यान देना चाहिए।-विक्रम गराठी, बहरोड़