डॉक्टरों ने बताया कि रिहाना पुत्र असलम उम्र 8 वर्ष निवासी गांव सदुका कोटकासिम की तबियत खराब होने लगी। उसके परिजनों ने उसे डॉक्टर को दिखया। सुधार नहीं होने पर परिजन उसे अलवर लेकर आए।
यहा डॉक्टर को दिखाना के बाद उसको सामान्य हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। अलवर में जांच की व्यवस्था नहीं होने व उसकी हालत खराब होने पर उसे जयपुर के लिए रैफर किया गया।
बच्चे के परिजनों ने बताया कि जयपुर के हॉस्पियल में हुई जांच में डिप्थीरिया की पुष्टि हुई है। बच्चे की हालत खराब है। डॉक्टरों ने कहा कि उस के हार्ट, किडनी व लिवर खताब हो सकते है। उसके हार्ट की जांच की जा रही है।
डिफ्थीरिया क्या है डिफ्थीरिया को गलघोंटू नाम से भी जाना जाता है। यह कॉरीनेबैक्टेरियम डिफ्थीरिया बैक्टीरिया के इंफेक्शन से होता है। इसके बैक्टीरिया टांसिल व श्वास नली को संक्रमित करता है। संक्रमण के कारण एक ऐसी झिल्ली बन जाती है, जिसके कारण सांस लेने में रुकावट पैदा होती है और कुछ मामलों में तो मौत भी हो जाती है। यह बीमारी बड़े लोगों की तुलना में बच्चों को अधिक होती है। इस बीमारी के होने पर गला सूखने लगता है, आवाज बदल जाती है, गले में जाल पड़ने के बाद सांस लेने में दिक्कत होती है। इलाज न कराने पर शरीर के अन्य अंगों में संक्रमण फैल जाता है। यदि इसके जीवाणु हृदय तक पहुंच जाये तो जान भी जा सकती है। डिफ्थीरिया से संक्रमित बच्चे के संपर्क में आने पर अन्य बच्चों को भी इस बीमारी के होने का खतरा रहता है।