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संभागीय आयुक्त झिवाणा एवं फलसा गांव पहुंचे

locationअलवरPublished: Sep 28, 2019 02:22:19 am

Submitted by:

Pradeep

हरीश जाटव मॉब लिंचिंग मामला

संभागीय आयुक्त झिवाणा एवं फलसा गांव पहुंचे

संभागीय आयुक्त झिवाणा एवं फलसा गांव पहुंचे

अलवर. राजस्थान के सबसे क्रिटिकल पुलिस जिला भिवाड़ी में शुक्रवार को हरीश जाटव कथित मॉब लिंचिंग मामले की जांच करने प्रशासनिक जांच अधिकारी संभागीय आयुक्त केसी वर्मा दोपहर को भिवाड़ी स्थित रीको गेस्ट हाउस पहुंचे।
वहां से घटनास्थल फलसा गांव पहुंंचकर घटना से संबधित करीब आधा दर्जन चश्मदीदों के बयान दर्ज किए। इसके बाद संभागीय आयुक्त ने झिवाणा गांव पहुंचकर मृतक हरीश के परिजनों के बयान दर्ज किए।
इस दौरान उन्होंने तत्कालीन डीएसपी देवेंद्र कुमार सहित चौंपानकी थाने के पुलिसकर्मियों के भी बयान दर्ज किए। वहीं क्षेत्र के लोगों, संगठन, संस्थाओं के अलग-अलग बयान वीडियो, ऑडियों सहित अन्य दस्तावेज भी लिए। संभागीय आयुक्त केसी वर्मा ने बताया कि शुक्रवार को केवल हरीश मामले के ही संदर्भ में जांच की गई है।
जांच रिपोर्ट का समय सीमा निर्धारित होने के कारण १५ दिन में सरकार को रीपोर्ट सौंपी जाएगी। घटनास्थल का मुआयना करने के दौरान संभागीय आयुक्त के साथ तिजारा एसडीएम खेमाराम यादव, डीएसपी हरीराम कुमावत चांैपानकी थाने से सब इंस्पेक्टर विजय चंदेला मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि चौंपानकी थाना क्षेत्र के झिवाणा निवासी हरीश जाटव पुत्र रतीराम जाटव 16 जुलाई की रात भिवाड़ी से घर लौट रहा था। रास्ते में फलसा गांव के समीप गंभीर घायल व अचेत अवस्था में पड़ा मिला।
ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि हरीश की बाइक से सड़क पार करती हुई एक महिला हकीमन की टक्कर हो गई थी, जिससे वह सड़क पर गिरकर गंभीर घायल हो गया। पुलिस ने उसे भिवाड़ी सीएचसी में भर्ती कराया।
हालत गंभीर होने पर परिजन उसे इलाज के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले गए। जहां 18 जुलाई को इलाज के दौरान हरीश की मौत हो गई
थी। मौत के बाद क्षेत्र में तनाव हो गया।
हरिश की मौत के बाद अवसाद में आए उसके पिता रतिराम ने भी १५ अगस्त को आत्महत्या कर जान दे दी। रतिराम की मौत पर टपूकड़ा सीएचसी में कई सामाजिक संगठनों ने धरना प्रदर्शन कर हरीश मामले की प्रशासनिक जांच की मांग की थी।
इसके चलते सरकार ने हरीश के परिजनों को प्रशासनिक जांच कराने का आश्वासन दिया था। वहीं रतिराम के शोक सभा में आए उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी शीघ्र जांच का आश्वासन दिया था।
शुक्रवार को इस मामले की प्रशासनिक जांच के लिए संभागीय आयुक्त भिवाड़ी आए। और इस घटना के जुड़े चश्मदीद गवाहों के बयान दर्ज किए।
भिवाड़ी पुलिस जिला क्रिटिकल क्यों?
भिवाड़ी पुलिस जिला प्रदेश का सबसे क्रिटिकल जिला है। वजह है यहां होने वाला अपराध। यहां आपराधिक गतिविधियां अन्य जिलों के मुकाबले काफी ज्यादा है। मुख्यमंत्री गहलोत भी इसे सबसे क्रिटिकल जिला बता चुके हैं। अलवर में मॉब लिंचिंग, गोतस्करी, बलात्कार, लूट-पाट जैसे अपराध काफी बढ़ गए हैं, जिसे देखते हुए अब राज्य सरकार ने यहां दो पुलिस अधीक्षक लगाए है। लेकिन उसके बाद भी यहां अपराधों पर अंकुश नहीं लग रहे हैं।
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