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वाहन धुलाई के नाम पर कर रहे धरती का सीना छलनी, नहीं कर रहे पानी का संचय

locationअलवरPublished: Oct 18, 2019 02:46:19 am

Submitted by:

Shyam

बहरोड़ क्षेत्र में पानी का अतिदोहन लगातार जारी

वाहन धुलाई के नाम पर कर रहे धरती का सीना छलनी, नहीं कर रहे पानी का संचय

अलवर. बहरोड़ हाईवे पर स्थित एक सर्विस स्टेशन पर बड़े वाहन की धुलाई करते हुए।

अलवर. बहरोड़ क्षेत्र में घटते हुए पानी व नीचे गिरते हुए जलस्तर को लेकर केन्द्र सरकार ने बहरोड़ को डार्क जोन क्षेत्र घोषित किया हुआ है। लेकिन उसके बाद भी क्षेत्र में पानी का अतिदोहन लगातार जारी है। वही एक ओर राज्य व केन्द्र सरकार पानी बचाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है वही दूसरी ओर बहरोड़ क्षेत्र में वाहनों की धुलाई के नाम पर जल धन का दुरुपयोग बदस्तूर जारी है।
क्षेत्र में जगह जगह पर वाहनों की धुलाई के नाम पर बोरिंग खोदकर निजी गैराज अमृत की बर्बादी कर रहे है। यहां पर वाहनों की धुलाई साफ सफाई करवाने के लिए बाइक, गाड़ी, ट्रैक्टर ट्रॉली से लेकर बड़े भारी वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है। सर्विस स्टेशन मालिकों ने ट्यूबवेल से पानी निकालने के लिए बाकायदा इनमे उच्च क्षमता की मोटरे डाली हुई है। यह मोटरे वाहनों की धुलाई व साफ सफाई के नाम पर दिन भर चलती रहती है। जब गैराज पर किसी वाहन की धुलाई नहीं हो रही होती है तो सडक़ से गुजरने वाले वाहन चालकों को आकर्षित करने के लिए तेज गति के फव्वारों का उपयोग किया जाता है। वाहन सफाई व धुलाई के नाम पर चन्द रुपयों के खातिर निजी गैराज संचालक जल अपव्यय तो कर रहे है साथ ही अंधाधुंध जल के दोहन करने से क्षेत्र का जलस्तर लगातार गिरता जा रहा है।

खुल रहे है दो दर्जन से अधिक गैराज: बहरोड़ कस्बे व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही एनएच आठ पर वाहन धुलाई करने वाले सर्विस स्टेशनों की भरमार लगी हुई है। यहां पर पचास रुपए से लेकर पांच सौ रुपए तक वाहनों की धुलाई की जाती है। बहरोड़ में एनएच आठ व स्टेट हाईवे से होकर दिनभर में हजारों वाहन गुजरते है। गैराज संचालकों ने किसी तरह से वाहनों की साफ सफाई व धुलाई करने के लिए प्रशासन से पूर्व अनुमति नहीं ले रखी है। ऐसे में राज्य सरकार को भी हजारों रुपए हर महीने राजस्व नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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