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केन्द्र सरकार की ओर से देशभर में की जा रही आर्थिक जनगणना, आपके घर आएगी टीम, जानिए क्या-क्या जानकारी देनी होगी

locationअलवरPublished: Dec 09, 2019 05:53:04 pm

आर्थिक जनगणना : केन्द्र सरकार की ओर से देशभर में ( Economic Census ) आर्थिक जनगणना कराई जा रही है। जानिए इसके तहत कौन-कौनसी जानकारी देनी पड़ेगी।

Economic Census 2019 : Arthik Janganna 2019 Starts

केन्द्र सरकार की ओर से देशभर में की जा रही आर्थिक जनगणना, आपके घर आएगी टीम, जानिए क्या-क्या जानकारी देनी होगी

अलवर. आर्थिक जनगणना : केन्द्र सरकार की ओर से पूरे देश में 7वीं ( economic census ) आर्थिक जनगणना शुरू की गई है। ( Seventh Economic Census ) आर्थिक जनगणना के तहत अलवर जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार के मुखिया से जानकारी एकत्र की जाएंगी। इनमें परिवार का आर्थिक स्तर, आय, पेन नम्बर, घरों में चलने वाली व्यावसायिक गतिविधियां, कुटीर उद्योग, डेयरी, सिलाई, छोटे व्यावसायिक कार्य आदि जानकारी ली जाएगी।
तीन श्रेणी में होगी आर्थिक गणना

आर्थिक गणना तीन श्रेणी में की जा रही है। पहली आवासीय, दूसरी आवासीय कम व्यावसायिक व तीसरी व्यावसायिक श्रेणी शामिल हैं। यानि जिले में पूरी तरह आवासीय श्रेणी के परिवारों से आर्थिक जानकारी जुटाई जाएगी। दूसरी जिन क्षेत्रों में आवासीय के साथ घरों पर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हैं, वहां के आर्थिक जानकारी जुटाई जाएगी। तीसरे व्यावसायिक क्षेत्र में चलने वाली गतिविधियों की जानकारी ली जाएगी।
जानकारी पूरी तरह गोपनीय रहेगी

शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों से एकत्र की जाने वाली जानकारी पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। परिवार की जानकारी का उपयोग केवल आर्थिक जनगणना में ही किया जाएगा। अन्य किसी कार्य में इन डाटा का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। जिले में आर्थिक गणना का जिम्मा सीएससी ई- गवर्नेंस को सौंपा गया है। यह कार्य दो चरणों में किया जा रहा है। प्रथम चरण में सीएससी सुपरवाइजर ग्राम पंचायत के डाटा का सत्यापन करेगा। वहीं द्वितीय चरण में सांख्यिकी विभाग एवं नेशनल सेम्पल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन (एनएसएसओ) की टीम डाटा का सत्यापन करेगी।
ये क्षेत्र सर्वे से मुक्त

आर्थिक जनगणना में सार्वजनिक सेवा के कार्यालय, प्राथमिक क्षेत्र की गतिविधि कृषि, फसल उत्पादन, वृक्षारोपण, रक्षा प्रतिष्ठानों, अद्र्ध सैन्य संगठन, अंतरराष्ट्रीय संगठन, मजदूरी, वेतनभोगी, विदेशी नागरिकों वाले परिवार, सेना, बीएसएफ, पुलिस आदि की बैरक मुक्त रहेगी। साथ ही चलायमान आबादी, खुले, सड़क किनारे, फुटपाथ, हृयूम पाइप, फ्लाइओवर, सीढियों के नीचे, पूजा के खुले स्थान, मंडप, रेलवे प्लेटफार्म, अनाथालय, नारी निकेतन, जेल में ट्रायल कैदी, अस्पताल, नर्सिंग होम के इनडोर रोगियों को आर्थिक जनगणना से बाहर रखा गया है।
आर्थिक गणना का उद्देश्य

7 वीं आर्थिक गणना का उद्देश्य अलवर जिले की आर्थिक स्थिति व लोगों के कामकाज के प्रति रुझान का पता लगाना है। सर्वे में पता लगाया जाएगा कि यहां किस तरह के उद्योग धंधे, व्यावसायिक गतिविधियां, लोगों का ज्यादा रुझान किन उद्योग धंधों, व्यवसाय या कामकाज में है। सर्वे के आंकड़ों के आधार पर सरकार योजना बना सकेंगी।
पहली बार पेपरलेस सर्वे

यह पहली बार है जब 7वीं आर्थिक जनगणना में पूरी तरह पेपरलेस आर्थिक आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। इससे सर्वे का काम महज छह माह में पूरा किया जा सकेगा। सर्वे कार्य पूरी तरह डिजीटल होगा। पूर्व की छह आर्थिक जनगणना पेन व पेपर से हुई थी।
अलवर जिले में 20 फीसदी कार्य पूरा

अलवर जिले में अभी तक 78 हजार से ज्यादा परिवारों का आर्थिक डाटा एकत्र किया जा चुका है। आर्थिक जनगणना का अलवर जिले में अब तक करीब 20 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। शनिवार रात 12 बजे तक जिले में 78 हजार 272 परिवारों की आर्थिक जानकारी जुटाई जा चुकी है। इनमें 71 हजार 678 परिवार आवासीय श्रेणी के हैं। वहीं 3651 परिवार व्यावसायिक क्षेत्र तथा 2943 परिवार अन्य क्षेत्र के शामिल हैं। जिले में आर्थिक जनगणना का कार्य गत 17 सितम्बर से शुरू हो चुका है और मार्च 2020 से पूर्व यह सर्वे पूरा किया जाना है। आर्थिक सर्वे के कार्य में जिले में 1124 प्रगणक व 339 सुपरवाइजर लगे हैं।
लोग सही जानकारी देकर सहयोग करें

सातवीं आर्थिक जनगणना में लोग परिवार व कामकाज के बारे में सही जानकारी देकर प्रगणक का सहयोग करें। सर्वे में एकत्र जानकारी पूरी तरह गोपनीय रहेगी। लोग आर्थिक जानकारी देने में झिझके नहीं। सर्वे की सही आर्थिक जानकारी का उपयोग सरकार विभिन्न योजना बनाने में करेगी।
चन्द्रप्रकाश, जिला प्रबंधक सीएससी अलवर

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