हालात यह रहते हैं कि मुख्य रोड की सफेद पट्टी के बाहर तक वाहन खड़े हो जाते हैं। रोड से निकलने को जगह नहीं बचती है। सबसे अधिक दिक्कत ट्रेन के आने के समय होती है। उस समय जब सवारी बसें वहां से निकलती हैं तो जाम में आमजन फंस जाते हैं। 30-40 कुत्तों का झुण्ड, मांस में मुंह मार रहे मांस का अपशिष्ट वहीं आसपास पड़ा होने के कारण आवरा कुत्ते मुंह मारते रहते हैं। जिसके कारण इस रोड पर 30 से 40 आवारा कुत्तों का झुण्ड घूमता है। जो आए दिन दुर्घटना का कारण बनते हैं। शाम पांच बजे बाद इस रोड पर शराब के साथ मांस परोसा जाता है। कोई रोकने वाला नहीं। जबकि यहां से अलवर आने-जाने वाले पर्यटक निकलते हैं।
यातायात पुलिसकर्मी की यहां जरूरत रेनबसेरे के सामने यातायात पुलिसकर्मी की सख्त जरूरत है। दिनभर यहां रोड पर रिक्शा, ऑटो, ढाबे के सामने अवैध रूप से वाहन व ठेले लगते हैं। जिनके कारण जाम लगता है। यातायात पुलिस की मौजूदगी से ही इसे रोका जा सकता है।
रेनबसेरे के सामने अवैध निर्माण रेनबसेरे के सामने अवैध निर्माण इतना ज्यादा है कि एक बड़ा वाहन वहां से सामान्य चिकित्सालय की तरफ नहीं घूम पाता। घुमाव पर दो ठेले रोड पर लगते हैं। जहां ठेले लगते हैं उनसे पहले अवैध निर्माण कर दुकानें आगे बढ़ा दी गई हैं। दुकानों के आगे ऑटो व रिक्शा खड़े होते हैं। जिसके कारण यहां जब भी ट्रेन आती है तो रेनबसेरे के सामने जाम लग जाता है। एक तरफ रिक्शे रोड पर जम जाते हैं। वहीं कुछ जगह दुकानदारों ने रोक ली है।