जिला निर्वाचन कार्यालय सहित कलक्ट्रेट परिसर में नामांकन के आखिरी दिन काफी गहमागहमी रही। प्रत्याशियों के साथ उनके समर्थक नारेबाजी कर रहे थे। नामांकन भराने के लिए वकीलों के यहां भीड़ रही। चाय की थड़ी पर भी चुनावी चर्चा रही। भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में आए नेताओं ने भी बाहर चाय की थड़ी पर चुनावी चर्चा की।
अलवर लोकसभा उप चुनाव में सरकार से नाखुश होकर किसान नेता, बेरोजगार नेता व होमगार्ड ने भी फॉर्म भरा है। किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट, एकीकृत बेरोजगार महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव, होमगार्ड अश्वनी भारद्वाज ने भी नामांकन भरा है। नामांकन भरने आए रामपाल जाट ने कहा कि किसानों की आवाज कोई भी सरकार नहीं सुन रही है। किसानों को एक दशक से विश्वास दिलाया जाता रहा है। किसानों को डिस्पोजल प्लेट समझ लिया है। उसमें जलेबी रखकर खाते हैं और फेंक देते हैं। अन्नदाता सभी पार्टी, सम्प्रदाय व जाति से ऊपर उठकर है। फसल का पूरा पैसा नहीं मिलने लगा है। किसानों को साथ लेकर यह कदम बढ़ाया गया है।
बेरोजगारों क? रोजगार ?? नहींबेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव ने नामांकन भरने के बाद कहा कि सरकार ने बेरोजगारों को रोजगार नहीं दिए। दिनों दिन बेरोजगारों की संख्या बढ़ती गई। लाखों युवाओं को रोजगार के झूठे दावे किए गए। हमारा उद्देश्य सरकार को युवाओं की ताकत का अहसास कराना है। 50 लाख बेरोजगार घूम रहे हैं। ये सरकार की नीतियों से लडऩे की ओर कदम बढ़ाया है। पीछे नहीं हटेंगे। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन करने वाले प्रत्याशी उपेन यादव ने प्रशासन पर उनके समर्थकों को हटाने के आरोप लगाए।
होमगार्ड की सुध नहीं ली
नीमकाथाना निवासी होमगार्ड अश्वनी भारद्वाज ने भी नामांकन भरा है। उनका कहना है कि मौजूदा सरकार ने होमगार्डों की कोई मांग नहीं मानी। बार-बार सरकार से मांग करते रहे। एक नहीं सुनी। जिसके कारण सभी होमगार्ड ने मिलकर चुनाव लड़ाने का निर्णय किया है, ताकि आगे होमगार्ड के हित में कार्य कर सकें।