अलवर

आतंकियों के हाथों मारे गए ट्रक चालक के परिजनों को मिलेंगे 11.50 लाख

भरतपुर. जम्मू-कश्मीर में सोमवार रात आतंककारियों के हमले का शिकार हुए पहाड़ी के गांव उभाका निवासी ट्रक चालक शरीफ का शव मंगलवार रात पहाड़ी पहुंचा। लेकिन ग्रामीणों ने रास्ते में गांव तिलकपुरी के पास एम्बुलेंस को रोक दिया, जिस पर प्रशासन ने शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया। बुधवार सुबह भी ग्रामीण व परिजन मांग मानने पर ही शव लेने पर अड़ गए। एसडीएम समेत अन्य अधिकारियों ने कई घंटे तक समझाइश की लेकिन बात नहीं बनी।

अलवरOct 16, 2019 / 09:22 pm

Subhash Raj

आतंकियों के हाथों मारे गए ट्रक चालक के परिजनों को मिलेंगे 11.50 लाख

बाद में कामां विधायक जाहिदा खान की समझाइश और सहायता के रूप में ११.५० लाख रुपए दिलवाने के आश्वासन पर ग्रामीण शव लेने को तैयार हुए। शाम ५: ३० बजे मृतक के शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
ग्रामीणों ने मंगलवार रात दिल्ली से शव पहुंचने पर लेने से इनकार कर दिया था, बुधवार सुबह ग्रामीणों को अधिकारियों ने समझाया और राज्य सरकार से २ लाख, जम्मू-कश्मीर शासन से ३ और रेडक्रॉस सोसायटी से ५० हजार रुपए सहायता राशि दिलवाने का भरोसा दिया, लेकिन वे ५० लाख रुपए, मृतक के परिजन को सरकारी नौकरी समेत अन्य मांगों पर अड़े रहे। बाद में क्षेत्रीय विधायक खान गांव पहुंची और स्वयं की ओर से ४ लाख रुपए, राज्य सरकार से २ लाख, केन्द्र की तरफ से ५ लाख, रेडक्रॉस सोसायटी से ५० हजार और सरपंच की ओर से ५० हजार रुपए सहायता राशि देने की घोषणा की। इसके बाद ग्रामीण शव लेने को राजी हो गए।

मृतक के साथ ट्रक में आ रहे हरियाणा के नूंहू जिले के ताबडू थाने के गांव मल्हाका निवासी परिचालक इकराम पुत्र रमजान ने बताया कि सोमवार रात खाना बनाने के बाद वह ट्रक में सो गया। चालक शरीफ घर पर बात कर रहा था। अचानक दो आंतकी आए और शरीफ को पकड़ लिया। शरीफ से उनसे कहा कि उसकी क्या गलती है, जिस पर आंतकी ने गाड़ी स्टार्ट करने के लिए कहा। शरीफ गाड़ी को आगे ले गया जबकि वह आंतकी से स्वयं को छुड़ा एक किसान के घर में जाकर छिप गया। कुछ दूरी पर गोली चलने की आवाज आई। काफी देर बाद किसान उसे मौके पर ले गया, जहां पर ट्रक खड़ा था। बाद में पुलिसकर्मियों ने शरीफ के थाने पर होने की बात कही, वहां जाकर देखा तो उसका शव रखा था।
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