रास्तें से गुजरने वाले राहगीर कई बार तो इस कुत्ते को देखकर भयभीत तक हो जाते है और अपना रास्ता बदल लेतें है। रतन लाल का ये कुत्ता गुर्जरबास स्थित उनके खेतों में बंधा रहता है और रतन लाल की अनुपस्थिति में खेतों की फसलों की नीलगाय एवं अन्य जानवरों सहित लोगों से भी सुरक्षा करता है। कुत्ते का स्वरूप आस-पास क्षेत्र के लिए कौतूहल का विषय है और लोग इस कुत्ते को देखने के लिए आते है।
रात में भी पहरा देता है कुत्ता रतन लाल प्रजापत का कहना है कि उनका यह कुत्ता दिन के साथ रात को भी उसके खेत की रखवाली करता है, इस समय अलवर में कई बार आबादी क्षेत्र में पैंथर घुस आया, ऐसे में लोगों को अगर यह कुत्ता पैंथर की तरह दिखेगा तो वे लोग पहले ही भाग जाएंगे।