आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक के बाद खुले बैंकों में उमड़े ग्राहक, नए नोट लेने की दिखी होड़ बड़े नोटों को लेकर पावटा सी रोड स्थित एक नर्सिंग होम में हंगामा भी हो गया। गर्भवती महिला को लेकर पहुंचे परिजन ने जब इलाज के लिए बड़े नोट थमाए तो मरीज को रैफर कर दिया, तब परिजन ने हंगामा किया। अस्पताल में सहकारी भण्डार की दुकानों ने जरूर बड़े नोट लिए लेकिन लगातार बड़े नोट लेते रहने से उनके पास भी खुले पैसों की समस्या आ खड़ी हुई। इमरजेंसी मरीज कहां से लाएंगे 100 के नोट
पीएम मोदी के निर्णय के बाद जोधपुर में हुई अनोखी चोरी, चोरों ने 100, 20 व 10 रुपए की गड्डियां ही चुराई अस्पताल के आईसीयू, सीसीयू में भर्ती कुछ मरीजों को प्रतिदिन 5 से 10 हजार रुपए की दवाइयां देनी पड़ रही थी लेकिन प्राइवेट मेडिकल स्टोर वालों ने इनसे बड़े नोट नहीं लिए। एेसे में इन मरीजों के लिए सौ सौ के नोटों का इंतजाम करना चुनौती बन गई। गांधी अस्पताल के सामने स्थित मेडिकल मार्केट में कई दुकानों पर इसको लेकर नोंक झोंक भी हुई।
500 व 1 हजार के नोट एक्सचेंज करने के लिए भरना होगा ये फॉर्म, जरूरी होंगे ये दस्तावेज डेंगू व चिकनगुनिया जांच के लिए भटके मरीज
निजी लैब संचालकों ने भी बड़े नोट नहीं लिए। एेसे में डेंगू व चिकनगुनिया जांच के लिए पहुंचे कई मरीज परेशान हुए। कई मरीज बगैर जांच किए ही लौट गए। रक्त, मूत्र सहित अन्य जांचों के लिए भी खुले पैसे नहीं होने से मरीज परेशान रहे। सरकारी अस्पताल में दवाइयां व जांचें फ्री होने से कुछ राहत जरूर रही।
जोधपुर के बाजार में छाई आर्थिक मंदी, दुकानों में पसर गया सन्नाटा अस्पतालों में मरीजों की समस्याओं के संबंध में राजस्थान पत्रिका की एक खबर पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्विटर पर साझा की अपनी प्रतिक्रिया :