जहां तक नजर जाती है खेत खाली पड़े हैं। जबकि आसपास के इलाकों में सरसों की फसल लहलहा रही है। मौसम का कहर इतना पड़ा कि यहां अन्नदाता अन्दर ही अन्दर रो रहा है। कोई उपाय नजर नहीं आ रहा।
बारिश नहीं होने से पैदा हुआ संकट रैणी क्षेत्र में बारिश नही होने के कारण खेतो में बुवाई नही होने से किसान परेशान व चितिंत दिखाई दे रहा है। सिंचाई के पानी की कमी के चलते रैणी क्षेत्र धीरे धीरे अकाल की और अपने पैर पसारते नजर आ रहा है। खेतों में जहां देखो वहां विरानी ही नजर आती है। यदि यही हालात रहे तो आने वाले दिनो में पेयजल की समस्या भी विकराल रूप ले सकती है।
यह कहते हैं ग्रामीण ग्रामीण डीसी सैनी, रत्तीराम, बबली सैनी, केदार मीणा आदि ने बताया कि क्षेत्र के रैणी, टहटडा, बाजोली, भजेड़ा, ईटोली, परबैणी, डेरा, कीलपुरखेड़ा, प्रागपुरा आदि गॉंवो में रबी फसल की बुवाई बहुत कम है। जिन लोगों के सिंचाई की व्यवस्था है वो भी अपनी जमीन के कुछ क्षेत्रफल में पलाव करके बुवाई कर तो रहे हैं । सेवानिवृत्त कानूनगो शिवचरण शर्मा, कैलाश मीणा, लक्ष्मण पटेल का कहना है कि इस बार बुवाई नही हुई है ।
आदिवासी मीणा समाज संघ के अध्यक्ष अमरचंद फौजी का कहना है कि क्षेत्र में अकाल की स्थिति बन गई है। रैणी सरपंच हरिसिंह मीणा का कहना है कि क्षेत्र में आई पानी की समस्या से किसानो ने कर्जा लेकर खेतो की जुताई तो करवा दी थी। लेकिन अब बारिश की कमी के चलते बुवाई नही होने से कर्ज का बोझ और बढ़ जाएगा।
यह हैं आंकड़ा
रैणी के सहायक कृषि अधिकारी मोहन लाल शर्मा का कहना है कि इस बार बारिश कम होने से लगभग चालीस प्रतिशत क्षेत्र में बुवाई हुई है। पिछले वर्ष में बुवाई के ऑंकडे-रैणी क्षेत्र में 39329 बीघा भूमि काबिल काश्त है। रबी की फसल 2015-16 गेहॅंू 10093 बीघा, चना सिंचित 87बीघा, असिंचित1976 बीघा, सरसों 7214 सिंचित, 3624 असिंचित क्षेत्र है। 2016 17- गेंहू 10663, चना 70 सिंचित 2520 असिंचित, सरसों 7214 सिंचित 3624 असिंचित हैं। यहां लगभग तेरह हजार 932 बीघा में बुवाई हुई है और बुवाई हो रही है। रैणी ग्राम पंचायत क्षेत्र, भजेड़ा, धौराला, डेरा, कीलपुरखेड़ा, प्रागपुरा, रामपुरा, टहटड़ा, ईटोली, करणपुरा आदि गांवों में पानी की कमी के चलते स्थिति ज्यादा विकट है।
रैणी के सहायक कृषि अधिकारी मोहन लाल शर्मा का कहना है कि इस बार बारिश कम होने से लगभग चालीस प्रतिशत क्षेत्र में बुवाई हुई है। पिछले वर्ष में बुवाई के ऑंकडे-रैणी क्षेत्र में 39329 बीघा भूमि काबिल काश्त है। रबी की फसल 2015-16 गेहॅंू 10093 बीघा, चना सिंचित 87बीघा, असिंचित1976 बीघा, सरसों 7214 सिंचित, 3624 असिंचित क्षेत्र है। 2016 17- गेंहू 10663, चना 70 सिंचित 2520 असिंचित, सरसों 7214 सिंचित 3624 असिंचित हैं। यहां लगभग तेरह हजार 932 बीघा में बुवाई हुई है और बुवाई हो रही है। रैणी ग्राम पंचायत क्षेत्र, भजेड़ा, धौराला, डेरा, कीलपुरखेड़ा, प्रागपुरा, रामपुरा, टहटड़ा, ईटोली, करणपुरा आदि गांवों में पानी की कमी के चलते स्थिति ज्यादा विकट है।