यूरिया खाद के लिए किसानों ने लगाया जाम, वाहनों की लगी कतार
अलवरPublished: Nov 22, 2022 02:06:56 am
पुलिस थाने से टोकन लाने की बात पर भडक़े किसान


यूरिया खाद के लिए किसानों ने लगाया जाम, वाहनों की लगी कतार
अलवर. जिले केे थानागाजी कस्बे की सहकारी समिति में यूरिया खाद लेने के लिए सोमवार सुबह नौ बजे किसानों की भीड़ एकत्रित हो गई। भीड़ को देखते हुए सहकारी समिति के प्रबंधक ने पुलिस थाने से टोकन लाने की बात कही। जिस पर किसान भडक़ गए और रोड पर जाम लगा दिया। करीब पौन घंटे तक रास्ता जाम रहा रहा जिससे वाहनों की कतार लग गई। बाद में तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर समझाइश कर रास्ता खुलवाया।
जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह थानागाजी सहकारी समिति पर 660 कृभको यूरिया खाद के कट्टे जाने की सूचना पर शिव बगीची से आगे नारायणपुर रोड पर सहकारी समिति के आगे बड़ी संख्या में किसान एकत्रित हो गए। यूरिया के मारामारी और किसानों को हंगामा करते देख सहकारी समिति के प्रबंधक महादेव प्रसाद शर्मा ने पुलिस थाने से टोकन लाने की बात कहकर किसानों को भेज दिया। किसान टोकन लेने के लिए थाने पहुंचे, इससे पूर्व ही जिन किसानों को अभी तक यूरिया खाद नहीं मिला उन्होंने व जिनके पास थाने जाने का साधन नहीं थे उन किसानों ने कस्बे के प्रतापगढ़ तिराये पर अलवर-जयपुर मुख्य सडक़ मार्ग पर जाम लगाकर सहकारी समिति कर्मचारियों पर खाद वितरण में अनियमितता का आरोप लगा विरोध जताया। जाम के चलते जयपुर रोड पर पेट्रोल पम्प तक व अलवर रोड पर बस स्टैंड तक, नारायनपुर रोड पर सहकारी समिति तक व प्रतापगढ़ रोड पर पंजाब नेशनल बैंक तक जाम वाहनों की कतार लग गई। सहायक कृषि अधिकारी ङ्क्षपकी मिना की सूचना पर उपखण्ड अधिकारी केशव कुमार मीणा ने तहसीलदार थानागाजी कैलाशचन्द मेहरा व नायब तहसीलदार अनिरुद्ध कुमार को मौके पर भेजा। एएसआई रमेश चंद मीना मय जाप्ते मौके पर पहुंच स्तिथि को संभाला। जाम के दौरान ग्रामीणों ने तहसीलदार थानागाजी व पुलिस को बताया कि सुबह 4 बजे से कामकाज छोडकऱ लाइन में खड़े हैं, फिर भी उन्हें यूरिया खाद नहीं मिल पा रहा है।
थानागाजी तहसीलदार कैलाशचन्द मेहरा व नायब तहसीलदार अनिरुद्ध कुमार ने ग्रामीणों को समझाइश कर टोकन वितरण करवाने व खाद वितरक सहकारी समिति पदाधिकारियों से पारदर्शिता से खाद वितरण कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद किसानों ने जाम खोला। पुलिस कर्मियों ने महिला पुरुषों की लाइन लगाकर एक एक को अंदर भेजा, जहां कृषि अधिकारियों व पर्यवेक्षकों ने एक आधार कार्ड पर एक कट्टा यूरिया को वितरित किया। अधिकतर किसानों को बिना खाद मायूस होकर खाली हाथ लौटना पड़ा।