राजगढ़ के कुओं में पानी नहीं है। फसल के लिए पानी किराये पर डेढ़ सौ से एक सौ सत्तर रुपए प्रति घंटा के हिसाब से देने पड़ रहे हैं। फसल के लिए खाद, बीज, दवाइयां आदि कार्यों पर खर्चा ज्यादा करना पड़ता है। फसल पर ज्यादा खर्चा होता है, लेकिन उसे फसल का भाव कम मिल पाता है।
महंत रामकरण, किसान निवासी मोतीवाड़ा
खेती-बाड़ी पर ज्यादा खर्चा होता है। फसल के दाम कम मिलते हंै। जिस कारण किसान पर कर्जा होता है। खाद, बीज, दवाइयां महंगी दरों पर खरीदनी पड़ रही हंै तथा फसल के लिए पानी डेढ़ सौ से दो सौ रुपए प्रति घंटा के हिसाब से खरीदने के साथ ही जुताई प्रति बीघा पांच सौ रुपए देने पड़ रहे हंै।
किसान पृथ्वीराज मीना, मांडलवास थानाराजाजी
भूजल स्तर गिरने से लाखों रुपए खर्चने के बावजूद पानी नहीं हो पा रहा है। साथ ही पुरानी बोरिंगों में काम चलाऊ पानी आता है, जिससे फसलों को पर्याप्त पानी की पूर्ति नहीं हो पाती। जिसके चलते फसलों को भारी नुकसान हो रहा है। किसानों को सर्दी भरी ठिठुरती रात में फसलों में पानी देना पड़ता है।
-सुभाषचंद शर्मा, बर्डंोद
किसानों को पानी व बिजली समय पर मिलनी चाहिए, साथ ही सरकारों को किसानों के लिए उन्नत खाद-बीज व तकनीकों को विकसित कर उनका फायदा ग्राउण्ड स्तर पर पहुंचाने के प्रयास करने चाहिए। समर्थन मूल्य पर खरीद केन्द्र पर बेचान के लिए किसान के पास आसान तरीका हो।
रामजस जांगिड,़ मुण्डावर
किसानों का कर्ज माफ किया जाना ठीक है। कुछ राहत मिल जाएगी। लेकिन अब सरकारों को पानी की उपलब्धता के बारे में सोचने की जरूरत है। किसानों के खेतों में पानी की कमी आती जा रही है। पूरा क्षेत्र डार्क जोन में चला गया। बिजली भी पूरे समय नहीं मिल पाती। जिसके कारण खेत बंजर पड़े हुए हैं।
पप्पूराम, किसान, कराना बानसूर
किसानों के पास अब अधिक जमीन भी नहीं है। एक-दो बीघा जमीन पर खेती करने से पूरा परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। किसानों का कर्जा माफ करने से कुछ राहत जरूर मिलेगी। लेकिन बिजली भी महंगी हो गई है। सरकार को फसलों के दाम बढ़ाने की जरूरत है। अभी पहले वाले भाव ही हैं।
कालूराम, किसान, गूंता बानसूर
सरकारों द्वारा केवल कर्जमाफी ही किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं है। किसान को फसल के लिए सर्वप्रथम पानी की आवश्यकता होती है। पिछले कुछ वर्षों से बरसात नहीं हो रही है, साथ ही मुण्डावर डार्क जोन में भी है, साथ ही मुण्डावर में किसानों के लिए खरीद केन्द्र की स्थापना हो।
किसान कैलाश गुर्जर, मुण्डावर
फसलों के लिए खाद नहीं मिल रहा है, जिससे किसानों को खाद पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही हजारों रुपयों की लागत व कड़ी मेहनत के बावजूद खाद नहीं मिलने से फसलों को भारी नुकसान पहुंच रहा है।
दोलाराम चौधरी, किसान, कांकरा बडऱ्ोद