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riico news alwar रीको की महिला अधिकारी 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार

रीको की महिला अधिकारी 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार

अलवरOct 11, 2019 / 02:02 am

Kailash

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रीको कार्यालय की सेक्शन ऑफिसर संतोष गोस्वामी को 25000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। आरोपी महिला अधिकारी ने रेंट परमिशन देने की एवज में रिश्वत मांगी थी। बीच में बैठी महिला संतोष गोस्वामी


महिला अधिकारी ने फैक्ट्री मालिक से रेंट परमिशन जारी करने की एवज में मांगी थी रिश्वत
अलवर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गुरुवार को भवानी तोप चौराहा स्थित रीको (राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं विनियोजन निगम) कार्यालय से सेक्शन इंचार्ज को २५ हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। महिला अधिकारी ने एमआईए स्थित एक फैक्ट्री के मालिक से रेंट परमिशन जारी करने की एवज में रिश्वत मांगी थी। कार्रवाई के बाद महिला अधिकारी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया।
एसीबी अलवर के डीएसपी सलेह मोहम्मद ने बताया कि हरियाणा के गुरुग्राम निवासी चंद्रप्रकाश पुत्र ईश्वरचंद पंजाबी की अलवर के एमआईए में मिनी क्राफ्ट की फैक्ट्री है। फैक्ट्री पर लोन लेने के लिए उसने बैंक में आवेदन किया। जुलाई माह में बैंक ने फैक्ट्री पर लोन के लिए रीको की एनओसी के लिए पत्र जारी किया। परिवादी चंद्रपकाश ने अपनी फैक्ट्री का एक हिस्सा किराए पर दे रखा है। फैक्ट्री में किराएदार रखने की अनुमति के लिए चंद्रप्रकाश ने रीको में आवेदन भी किया। एनओजी और रेंट परमिशन के लिए परिवादी ने रीको कार्यालय में आवश्यक दस्तावेज और बकाया जमा करा दिया था, लेकिन इसके बाद भी रीको की सेक्शन इंचार्ज संतोष गोस्वामी परिवादी को बार-बार चक्कर कटा रही थी।
बाद में रिश्वत राशि बताने को कहा
चंद्रप्रकाश को किराएदार की अनुमति और एनओसी जारी करने के लिए महिला अधिकारी ने रिश्वत मांगी। जिसकी शिकायत चंद्रप्रकाश ने ३ अक्टूबर को एसीबी कार्यालय में दी। ४ अक्टूबर को एसीबी ने शिकायत का सत्यापन कराया। जिसमें महिला अधिकारी ने परिवादी से किराएदार की अनुमति जारी करने के लिए २५-३० हजार रुपए की रिश्वत मांगी, लेकिन बाद में २५ हजार रुपए में सौदा तय हो गया। साथ ही एनओसी जारी करने के लिए रिश्वत राशि बाद में बताने को कहा। गुरुवार को एसीबी ने महिला अधिकारी को ट्रैप करने का जाल बिछाया। सुबह करीब १०.३० बजे परिवादी चंद्रप्रकाश भवानी तोप स्थित रीको कार्यालय पहुंचा।
महिला अधिकारी ने कार्यालय के पीछे बरामदे में जाकर परिवादी से रिश्वत के रूप में २५ हजार रुपए लेकर अपने बैग में रख लिए और इसके बाद कार्यालय में आकर बैठ गई। परिवादी की तरफ से इशारा मिलते ही एसीबी की टीम ने छापा मारकर रीको की सेक्शन इंचार्ज संतोष गोस्वामी (५८) पत्नी अशोक कुमार शर्मा निवासी रंगभरियों की गली-अलवर को गिरफ्तार कर लिया और उसके बैग से रिश्वत की राशि बरामद कर ली। कार्रवाई पूरी होने के बाद रिश्वत की आरोपी महिला अधिकारी को एसीबी कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे १४ दिन के लिए न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
यहां हर काम करने का सुविधा शुल्क
अलवर. रीको कार्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर है। बिना रिश्वत के फाइलें आगे बढऩा बंद हो गई। कई कर्मचारियों की पहले भी शिकायत होने के बावजूद हालात नहीं सुधरे। रीको अलवर व थानागाजी के उद्यमियों ने बताया कि रीको कार्यालय में प्रवेश करते ही उद्यमी असहज मसहूस करते हैं। कर्मचारी अनावश्यक रिकवरी निकाल देते हैं। फिर उनको कम करने के नामपर वसूली करते हैं। कई तरह के आदेश-निर्देश को सार्वजनिक नहीं करते, जिससे उद्यमियों को पता नहीं चलता। इसकी आड़ में मोटी रिकवरी निकाल उसे कम करने के नाम पर वसूली का खेल होता है।
भूखण्ड बेचने, नाम परिवर्तन में वसूली : उद्यमियों ने बताया कि भूखण्ड के नाम परिवर्तन कराने में लम्बा समय लेते हैं। पिछले रिकॉर्ड के अनुसार रिकवरी निकालते हैं। बीच में कोई छूट के आदेश भी आते हैं तो उसे दबा लेते हैं। थानागाजी के एक उद्यमी ने बताया कि थानागाजी का एक भूखण्ड का पंजीकरण देरी से कराया है, जिसकी रिकवरी इतनी अधिक निकाल दी कि वहन करने से बाहर हो गई। जब कर्मचारियों से बात की तो कुछ करने का आश्वासन दिया। लेकिन, फिर भी काम नहीं करते। नाम परिवर्तन कराने की फाइलें रोक कर बैठ जाते हैं। इसके अलावा कई तरह का जुर्माना लगाने के बाद राशि में कटौती करने के नाम पर मनमर्जी होती है।
६० हजार का ड्यू १० हजार में माने
कुछ दिन पहले थानागाजी के एक भूखण्ड की ६० हजार रुपए की रिकवरी निकाल दी। जब उद्यमी बार-बार रीको कार्यालय के चक्कर काटने लगा तो आखिर में संशोधन कर १० हजार रुपए रिकवरी निकाली। इसी तरह अधिकतर फाइलों में घालमेल है। चालू करने पर शुल्क व जुर्माने का भार जोड़ देते हैं। रीको की महिला अधिकारी २५ हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार
महिला अधिकारी ने फैक्ट्री मालिक से रेंट परमिशन जारी करने की एवज में मांगी थी रिश्वत
अलवर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गुरुवार को भवानी तोप चौराहा स्थित रीको (राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं विनियोजन निगम) कार्यालय से सेक्शन इंचार्ज को २५ हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। महिला अधिकारी ने एमआईए स्थित एक फैक्ट्री के मालिक से रेंट परमिशन जारी करने की एवज में रिश्वत मांगी थी। कार्रवाई के बाद महिला अधिकारी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया।
एसीबी अलवर के डीएसपी सलेह मोहम्मद ने बताया कि हरियाणा के गुरुग्राम निवासी चंद्रप्रकाश पुत्र ईश्वरचंद पंजाबी की अलवर के एमआईए में मिनी क्राफ्ट की फैक्ट्री है। फैक्ट्री पर लोन लेने के लिए उसने बैंक में आवेदन किया। जुलाई माह में बैंक ने फैक्ट्री पर लोन के लिए रीको की एनओसी के लिए पत्र जारी किया। परिवादी चंद्रपकाश ने अपनी फैक्ट्री का एक हिस्सा किराए पर दे रखा है। फैक्ट्री में किराएदार रखने की अनुमति के लिए चंद्रप्रकाश ने रीको में आवेदन भी किया। एनओजी और रेंट परमिशन के लिए परिवादी ने रीको कार्यालय में आवश्यक दस्तावेज और बकाया जमा करा दिया था, लेकिन इसके बाद भी रीको की सेक्शन इंचार्ज संतोष गोस्वामी परिवादी को बार-बार चक्कर कटा रही थी।
बाद में रिश्वत राशि बताने को कहा
चंद्रप्रकाश को किराएदार की अनुमति और एनओसी जारी करने के लिए महिला अधिकारी ने रिश्वत मांगी। जिसकी शिकायत चंद्रप्रकाश ने ३ अक्टूबर को एसीबी कार्यालय में दी। ४ अक्टूबर को एसीबी ने शिकायत का सत्यापन कराया। जिसमें महिला अधिकारी ने परिवादी से किराएदार की अनुमति जारी करने के लिए २५-३० हजार रुपए की रिश्वत मांगी, लेकिन बाद में २५ हजार रुपए में सौदा तय हो गया। साथ ही एनओसी जारी करने के लिए रिश्वत राशि बाद में बताने को कहा। गुरुवार को एसीबी ने महिला अधिकारी को ट्रैप करने का जाल बिछाया। सुबह करीब १०.३० बजे परिवादी चंद्रप्रकाश भवानी तोप स्थित रीको कार्यालय पहुंचा।
महिला अधिकारी ने कार्यालय के पीछे बरामदे में जाकर परिवादी से रिश्वत के रूप में २५ हजार रुपए लेकर अपने बैग में रख लिए और इसके बाद कार्यालय में आकर बैठ गई। परिवादी की तरफ से इशारा मिलते ही एसीबी की टीम ने छापा मारकर रीको की सेक्शन इंचार्ज संतोष गोस्वामी (५८) पत्नी अशोक कुमार शर्मा निवासी रंगभरियों की गली-अलवर को गिरफ्तार कर लिया और उसके बैग से रिश्वत की राशि बरामद कर ली। कार्रवाई पूरी होने के बाद रिश्वत की आरोपी महिला अधिकारी को एसीबी कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे १४ दिन के लिए न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
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