अलवर शहर में नगर परिषद के क्षेत्र में व्यावसायिक काम्प्लेक्स निर्माण के लिए प्रार्थना पत्र देने के बाद उसे अनुमति मिलने में लम्बा समय लग जाता है या फिर अनुमति मिल ही नहीं पाती। नगर परिषद के पास इसके लिए न तो पर्याप्त सेटअप है और न ही इसकी सही प्रक्रिया।
शहर में काम्प्लेक्स निर्माण के लिए सबसे पहले भवन निर्माण की सभी शर्तों का पालन करना जरूरी होता है, जिनमें पार्र्किंग, फायर सेफ्टी सहित सुरक्षा के लिए पूरी जगह जरूरी होती है। संकरे बाजारों में एक-एक फीट जमीन की ऊंची कीमत होने के कारण यहां पार्र्किंग का ध्यान नहीं रखा जाता है। इसी प्रकार अधिकतर बड़े भवनों में नगर परिषद से फायर सेफ्टी का अनुमति प्रमाण पत्र नहीं लिया जाता है। ऐसे में आग लगने पर इन बड़े भवनों में आग बुझाना बहुत बड़ी चुनौती बन जाता है।
नगर विकास न्यास अपने क्षेत्र में ही व्यावसायिक काम्प्लेक्स बनाने की अनुमति देता है, लेकिन यदि किसी को पार्र्किंग व निर्धारित नियमों का पालन नहीं करना होता है तो वे रातों-रात ऐसे भवन निर्माण कर लेते हैं। शहर का अधिकतर इलाका नगर परिषद क्षेत्र में है, ऐसे में यूआईटी उसके यहां लगने वाली अनुमति की फाइल नगर परिषद का क्षेत्र बताकर वापस कर देती है।
मिली भगत का खेल, जान को खतरा- शहर में बनने वाले बड़े व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स सम्बन्धित विभाग के कर्मचारियों की देखरेख में रहते हैं। इस मिली भगत के खेल में कई मंजिला काम्प्लेक्स बनकर तैयार हो जाते हैं। कई भवन निर्माता अनुमति के लिए प्रार्थना पत्र लगाकर बैठ जाते हैं, जब 6 माह तक भी अनुमति नहीं मिलती तो वे न्यायालय में इस बात का प्रार्थना पत्र लगा देते हैं कि हम सभी शर्तों की पूर्ति कर रहे हैं, लेकिन हमें अनुमति नहीं दी जा रही है।
नगर परिषद की तकनीकी शाखा से जुड़े अधिकारी का कहना है कि अलवर शहर में 70 प्रतिशत व्यावसायिक काम्प्लेक्स का निर्माण बिना अनुमति के हुआ है। केवल तीस प्रतिशत भवन मालिक ही अनुमति के बाद भवन को बनाते हैं।
सूचना देने पर होती है कार्रवाई- यदि कोई भवन निर्माण कर रहा है तो उसकी सूचना देना आवश्यक है। हमें इसकी शिकायत मिलती हैं तो हम उनके खिलाफ कार्रवाई करते हैं। काम्प्लेक्स के लिए निर्धारित शर्तों का पालन करना होता है।
-भानु श्री, अतिक्रमण निरोधक अधिकारी, नगर विकास न्यास, अलवर।
बिना अनुमति नहीं बनाएं- शहर में बिना अनुमति के काम्प्लेक्स सहित कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जाना चाहिए। नगर परिषद में इसके लिए आवेदन करना जरूरी है जिसकी शर्ते पूरी करने पर ही अनुमति दी जाती है।
-नवीन मीणा, सहायक अभियंता, नगर परिषद, अलवर।