सरिस्का का जंगल अन्य टाइगर रिजर्व से आकर्षक सरिस्का बाघ परियोजना का जंगल प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व से अलग है। यहां की भौगोलिक िस्थति एवं हरियाली आकर्षक है, जो कि पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। वर्ष 2005 में सरिस्का के बाघ विहिन होने पर पर्यटक यहां के जंगल की खूबसूरती निहारने के लिए आते थे। यहां बाघों के पुनर्वास होने के बाद पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ी। आग के फैलने से सरिस्का के जंगल को बड़ा नुकसान पहुंच सकता है। जंगल नष्ट होने पर जिले के पर्यटन पर विपरीत प्रभाव पड़ने की आशंका है।
सरिस्का को एक नजर में जानिए सरिस्का का क्षेत्रफल-1216 वर्ग किलोमीटर सरिस्का में टाइगर -27बाघ- 09 बाघिन- 11शावक- 7 पैंथर- 200 से ज्यादाजरख- 300 से ज्यादा सांभर, चीतल, सुअर, नीलगाय- 10 हजार से ज्यादाजमीन पर रेंगने वाले जीव- हजारों की संख्या में
आग फैलने से सरिस्का को बड़ा खतरा सरिस्का में पिछले तीन दिनों से लगी आग के बेकाबू होने से तीन बड़े खतरे हैं। इनमें पहला जैव विविधता का बड़़ा खतरा है। आग से सरिस्का में बड़े भू भाग पर वनस्पति, घास, पेड़, पौधों के जलने से नुकसान हो सकता है।वहीं दूसरा बड़ा नुकसान हैबीटाट प्राकृतिक वास का होने की आशंका है। वन्यजीवों के प्राकृतिक वास खत्म होने से बाघ- बाघिनों की प्रजनन दर पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। आम तौर पर एक बाघ को 20 से 30 किलोमीटर तथा बाघिन को 15 से 20 किलोमीटर क्षेत्र विचरण के लिए जरूरी होता है।
सरिस्का में आग लगने का तीसरा बड़ा नुकसान वनस्पति का हो सकता है। आग से बड़े भू भाग पर वनस्पति जलकर राख हो सकती है। जिसके दोबारा विकसित होने में कई साल का समय लग सकता है।