पहले बांध में मकान बनवाए अब सड़क बनाने की तैयारी
अलवर. शहर के निकट प्रेम रत्नाकर बांध के बहाव क्षेत्र में पहले भूखण्ड काटे गए। फिर मकान खड़े करते रहे और अब सड़क बनाने की तैयारी है। जिस तरह पहले यूआईटी ने इसी जगह बांध भराव क्षेत्र में कुछ भूखण्डों के पट्टे थमा दिए थे ठीक उसी तरह अब वहां सड़क बनाने का काम शुरू हो गया है। जिसके लिए करीब आधा किलोमीटर की दूरी में लाल रोड़ी बिछा दी हैं। नगर परिषद अधिकारियों ने कहा कि केवल कच्ची रोड बनाने का कार्य हो रहा है। यहां यूआईटी ने पट्टे दे रखे हैं।
शहर की जीवनरेखा है यह बांध
कभी प्रेम रत्नाकर बांध अलवर शहरवासियों की जीवन रेखा हुआ करता था। जिसमें आसपास के पहाड़ों का पानी आता था लेकिन, करीब १० से १२ सालों से लगातार बांध बहाव क्षेत्रों को रोकने का सिलसिला थमा नहीं है। बहाव व भराव बड़े-बड़े मकान बना दिए गए। जिसके कारण बहाव क्षेत्र के जरिए पानी ही बांध तक नहीं पहुंच पाता है।
पहले सड़क का ठेका भी निरस्त: करीब दो साल पहले भी इस जमीन पर रोड बनाने का ठेका दिया गया लेकिन, शिकायत के बाद टेण्डर को निरस्त कर दिया गया। जिसके कारण सड़क नहीं बनी। लेकिन, अब वापस सड़क बनाने के लिए नए हथकण्डे अपनाए जाने लगे हैं। यह कोई बताने को तैयार नहीं है कि लाल रोड़ी किस ठेकेदार ने डलवाई हैं। करीब आधा किलोमीटर की दूरी में रोडियां डली हुई हैं।
२०१२ में थमाए थे पट्टे२०१२ में थमाए थे पट्टे
साल २०१२ में यूआईटी ने यहां पांच एेसे भूखण्डों के पट्टे जारी कर दिए थे जो बांध क्षेत्र था। शिकायत के बाद यूआईटी ने तुरंत पट्टे निरस्त किए। जिम्मेदार जेईएन व अन्य अधिकारियों को नोटिस देने की कार्रवाई भी की थी। उसके बाद भी बांध क्षेत्र में भूखण्ड काटे जाते रहे। मकान भी बनते रहे हैं। सैकड़ों मकान बांध क्षेत्र में आते हैं।
केवल कच्ची सड़क बना रहे
यहां केवल कच्ची रोड बनाने के लिए रोडियां डाली गई है। इसके लिए अलग से कोई ठेका नहीं है। बड़े ठेके का हिस्सा है। वैसे भी यहां यूआईटी ने पट्टे दिए हुए हैं।
-कुमार संभव अवस्थी, एक्सईएन, नगर परिषद अलवर