बुधवार को सुबह ६ बजे अलवर शहर में २ मिनट तक मामूली बूंदे गिरी। इससे गर्म मौसम की तपिश कम होने की बजाए उमस और अधिक बढ़ गई। इस उमस में बाहर निकलना और बैठना भी मुश्किल हो गया। दोपहर में धूप की तेजी और कभी बादलों के छाने से मौसम में बदलाव नजर आया।
दिन भर रही उमस से लोग परेशान नजर आए। शाम पांच बजे आसमान में बादल छाए और अंधड़ आने लगा। अलवर शहर में सवा पांच बजे बरसात आई जो पन्द्रह मिनट से अधिक तक जमी रही। इस बरसात को लोगों ने दिल खोल कर स्वागत किया। लोगों का कहना था कि इस बरसात से अलवर शहर में चल रही पानी की विकराल समस्या कम हो जाएगी। इस बरसात का पानी सडक़ों पर आ गया। कॉलोनियों ओर मोहल्लों में बच्चे इस बरसात से नहाए।
निर्जल एकादशी से एक दिन पहले आई यह बरसात किसानों के लिए उपहार है। इस बरसात से इस पर्व की खुशियां बढ़ गई है। लक्ष्मणगढ़ में ओले गिरे, जिले भर में बरसात- अलवर जिले में बुधवार को आई बरसात से सभी के चेहरे खिल गए। लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र में धूल भरी आंधी के बाद १० मिनट तक ओले गिरे और तेज बरसात हुई। रैणी व पिनान क्षेत्र में आई बरसात से किसान खुश हो गए। राजगढ़ व आसपास के क्षेत्र में मौसम का मिजाज बदल गया। इस क्षेत्र में १५ मिनट तक बरसात हुई। मालाखेड़ा क्षेत्र में धूल भरी आंधी के बाद बारिश आई। यहां भाजपा मंडल मालाखेड़ा की बैठक में रुकावट आ गई। इससे यहां टैंट के शामियाने ही उड़ गए। किशनगढ़बास क्षेत्र में तेज अधंड से कई दुकानों के तो टीनशेड और तिरपाल उड़ गए।
किसानों को मिला जीवन दान यह बरसात सभी के लिए जीवनदान बन गई है। इससे आमजन के साथ किसान ओर मूक प्राणी पशु व पक्षियों को भी लाभ होगा। इसके साथ ही अलवर में सूख रहे बांधों को भी पानी मिलने की उम्मीद है।