सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ी
ऑन लाइन पढ़ाई होने का सबसे अधिक नुकसान सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों को हैं जिनके परिजन भी उनकी पढ़ाई पर अधिक ध्यान नहीं दे पाते हैं। ऐसे बहुत से विद्यार्थी भी हैं जिनके पास स्वयं का मोबाइल तक नहीं है। ऐसे में पूर्व में स्कूल बंद होने के समय सरकारी स्कूलों के अधिकतर छोटी कक्षाओं के विद्यार्थी ऑन लाइन पढ़ाई नहीं कर सके। अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी मुकेश किराड़ बताते हैं कि अलवर जिले में नगर परिषद और नगर पालिका क्षेत्रों में आने वाले सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को नहीं बुलाया गया। इन विद्यार्थियों की अद्र्ध वार्षिक परीक्षाएं हो गई हैं। अब इनको ऑन लाइन तरीके से कोर्स पूरा कराया जाएगा। कोरोना संक्रमण से बच्चों की सुरक्षा करना हमारा पहला फर्ज है।
अभिभावक फिर परेशान, ऑन लाइन की माथा पच्ची बरकरार
कोरोना का संक्रमण पहले तेज रहने के कारण स्कूलों में डेढ़ साल तक ऑन लाइन पढ़ाई हुई लेकिन वह अभिभावकों के लिए परेशानी का सबब बनी। ऑन लाइन पढ़ाई का अनुभव पहली बार होने के कारण बच्चों ने इसमें रुचि कम ली, इससे होम वर्क कराने के लिए अभिभावकों विशेषकर मॉ को यह कक्षाएं अटेंड करनी पड़ी। कई अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में बच्चों से अधिक मां को तैयारी करनी पड़ी, तब जाकर होम वर्क हो सका।